शूटर को दी गयी थी पांच लाख की सुपारी, मिला था 50 हजार रुपये एडवांस
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जंदाहा प्रमुख हत्याकांड में पूर्व प्रमुख ने रची थी साजिश
शूटर को दी गयी थी पांच लाख की सुपारी, मिला था 50 हजार रुपये एडवांस जंदाहा के महिसौर का है शूटर आनंद मोहन, गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी पूर्व प्रमुख जय शंकर चौधरी ने किया खुलासा, निशानदेही पर चार लोगों को पुलिस ने दबोचा हाजीपुर : जंदाहा के नवनिर्वाचित प्रमुख मनीष कुमार सहनी […]
जंदाहा के महिसौर का है शूटर आनंद मोहन, गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी
पूर्व प्रमुख जय शंकर चौधरी ने किया खुलासा, निशानदेही पर चार लोगों को पुलिस ने दबोचा
हाजीपुर : जंदाहा के नवनिर्वाचित प्रमुख मनीष कुमार सहनी की चर्चित हत्याकांड का उदभेदन करते हुए पुलिस ने हत्या में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. मनीष की हत्या की साजिश जंदाहा के पूर्व प्रमुख जय शंकर चौधरी ने रची थी. इसके लिए शूटर को पांच लाख की सुपारी दी गयी थी. पूर्व प्रमुख ने शूटर को एडवांस में 50 हजार रुपये दिया था. शूटर आनंद मोहन जंदाहा थाना क्षेत्र के महिसौर गांव का रहने वाला है. वह अपने साथी व कुख्यात अपराधी संजीत कुमार सिंह के सहयोग से हत्या को अंजाम दिया था.
शुक्रवार को एसपी मानवजीत सिंह ढ़िल्लो ने मीडिया को बताया कि पूर्व प्रखंड प्रमुख जय शंकर चौधरी ने साजिश रच कर नवनिर्वाचित प्रमुख की हत्या करायी थी. हत्या का कारण वर्चस्व की लड़ाई और पंचायत शिक्षक नियोजन में नवनिर्वाचित प्रमुख का बाधक बनना था. उन्होंने बताया कि हत्या के लिए रची गयी साजिश में शामिल सभी आठ लोगों को चिह्नित कर लिया गया है. शूटर और उसके सहयोगी की भी शिनाख्त कर ली गयी है. चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
डीआईजी के निर्देश पर गठित हुई थीं एसआईटी की दो टीमें
प्रमुख की हत्या के बाद जंदाहा थाने पर हुए रोड़ेबाजी और गोलीबारी की घटना के बाद डीआईजी अनिल कुमार सिंह घटना के दिन देर शाम में जंदाहा थाने पर पहुंच कर मामले की विस्तार से जानकारी ली थी. उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अपराधियों को धर दबोचने के लिए एसआईटी की दो टीम का गठन करने का आदेश दिया था.
एक टीम का नेतृत्व एएसपी अजय कुमार जबकि दूसरे टीम का नेतृत्व महुआ के डीएसपी मालती कुमारी कर रही थी. टीम में जंदाहा के थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह और अवर निरीक्षक रामबालक यादव, डीआईयू प्रभारी दिलीप कुमार, डीआईयू के अवर निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव, कैप्टन शहनवाज, नगर थाना के अवर निरीक्षक आरिज एहकाम, महनार थाने के विशाल आनंद, सिपाही जितेंद्र कुमार आदि को शामिल किया गया था.
13 अगस्त को हुयी थी प्रमुख की हत्या
प्रमुख का चुनाव जीतने के बाद मनीष पहला दिन प्रमुख कार्यालय में कार्यभार संभालने के लिए 13 अगस्त को पहुंचा था. इसी क्रम में प्रखंड परिसर में ही बाइक सवार अपराधियों ने प्रमुख को टारगेट कर ताबड़तोड़ गोलियां चलायी थी. घायल प्रमुख का जंदाहा के एक निजी क्लिनिक में प्राथमिक उपचार के बाद हाजीपुर लाया गया था. जहां एक निजी क्लिनिक के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद प्रमुख समर्थकों ने जंदाहा थाने पर हमला बोल दिया था.
आक्रोशित समर्थकों ने जमकर रोड़ेबाजी और आगजनी की गयी थी. पुलिस के वाहन और थाने को फूंक दिया था. पुलिस फायरिंग में एक की मौत जबकि एक दर्जन लोग जख्मी हो गये थे. इसके बाद प्रमुख के बड़े भाई ओम प्रकाश सहनी के बयान पर जंदाहा थाने में कांड संख्या-202/18 के तहत पूर्व प्रमुख सहित दस लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
इन लोगों ने रची थी प्रमुख हत्याकांड की साजिश
एसपी ने बताया कि प्रमुख की हत्या की साजिश पूर्व प्रमुख जय शंकर चौधरी ने रची थी. इस साजिश में उसका सहयोगी रामबाबू सहनी, महिसौर के सरपंच कमलेश राय, हरिशंकर सिंह, अवधेश सिंह, विनोद चौधरी, अभय सहनी और अजीत सहनी ने मिल कर किया था. इसके लिए सरपंच के गांव के शूटर आनंद मोहन को पांच लाख रुपये की सुपारी दी गयी थी.आनंद ने अपने सहयोगी संजीत कुमार सिंह के साथ मिल कर हत्या की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने कमलेश राय, हरिशंकर सिंह, अवधेश सिंह और संजीत कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. मुख्य साजिशकर्ता सह पूर्व प्रमुख जयशंकर चौधरी बीते 23 अगस्त को हाजीपुर एसीजेएम-11 की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. वह फिलवक्त हाजीपुर जेल में बंद है.
विधायक के खिलाफ नहीं मिला साक्ष्य
एक सवाल के जवाब में एसपी ने बताया कि प्रमुख हत्याकांड के सिलसिले में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में नामजद महनार के विधायक उमेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ अभी तक के अनुसंधान में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से कोई साक्ष्य नहीं मिला है. प्रमुख हत्याकांड में गिरफ्तार किए गये लोगों ने भी हत्याकांड की साजिश में विधायक की संलिप्ता होने से इंकार किया है. एसपी ने बताया कि प्राथमिकी में नामजद अन्य आरोपितों के संबंध में अनुसंधान जारी है.
क्या हैं प्रमुख हत्याकांड का मामला
एसपी ने बताया कि पूर्व प्रमुख जयशंकर चौधरी अपने प्रमुख कार्यकाल के दौरान पंचायत शिक्षक नियोजन की बहाली के एवज में अभ्यर्थियों से अवैध रुपये की वसूली की थी. 107 पदों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये वसूले गये थे. बीते दो अगस्त को हुए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 13 मतो से मनीष कुमार सहनी से उन्हें पराजित होना पड़ा था. इसके बाद अभ्यर्थियों ने पूर्व प्रमुख पर रुपये वापस करने का दबाव बनाने लगा था. इधर शिक्षक नियोजन की बहाली में नवनिर्वाचित प्रमुख नये सिरे से बहाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
इसके पूर्व भी पूर्व प्रमुख के सहयोगी रामबाबू सहनी और नवनिर्वाचित प्रमुख मनीष के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कई बार मारपीट और झड़प हो चुकी थी. मनीष के प्रमुख बनने से रामबाबू सहनी का क्षेत्र में अपना वर्चस्व कम होना दिखने लगा था. इसी रंजिश में रामबाबू सहनी ने पूर्व प्रमुख के साथ मिल कर हत्या की साजिश रची थी.
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