हाजीपुर : जिले में पिछले कई दिनों तक हुई बारिश के बाद जहां-तहां जलजमाव हो जाने से कई तरह की बीमारियां दस्तक देने लगी है. इन दिनों वार्म इंफेक्शन और चर्म रोग आदि से पीड़ित होकर लोग चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों में ज्यादातर ऐसे मरीज पाये जा […]
हाजीपुर : जिले में पिछले कई दिनों तक हुई बारिश के बाद जहां-तहां जलजमाव हो जाने से कई तरह की बीमारियां दस्तक देने लगी है. इन दिनों वार्म इंफेक्शन और चर्म रोग आदि से पीड़ित होकर लोग चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों में ज्यादातर ऐसे मरीज पाये जा रहे हैं, जो वर्षाजनित बीमारियों के शिकार बताये जाते हैं. चिकित्सकों के अनुसार प्रदूषित पेयजल के कारण ज्यादातर लोग बीमार हो रहे हैं. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ कामेश्वर मंडल ने बताया कि रिहाइशी इलाकों में वर्षा का पानी जैसे-जैसे सूखेगा, कड़ी धूप और सड़न के कारण रोगों का वायरस बढ़ना लाजिमी है.
बरसात के कारण घरों के आसपास जलजमाव, गंदगी मच्छरों और कीट-पतंगों का प्रकोप तथा दूषित पानी के चलते बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं. सदर अस्पताल के ओपीडी के शिशु रोग विभाग में बीते दो दिनों में साढ़े चार सौ अधिक बच्चों का इलाज हुआ. शिशु रोग चिकित्सक ने बताया कि अधिकतर बच्चों में जलजनित बीमारी, पेट संबंधी तकलीफ, हेपेटाइटिस ए, टायफायड एवं वार्म इंफेक्शन की शिकायत पायी गयी.
-दो दिन ही खुलता है चर्म रोग विभाग
सदर अस्पताल में चर्म रोग के इलाज में मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल के ओपीडी में चर्म रोग विभाग सप्ताह में सिर्फ दो दिन खुलता है. सोमवार और गुरुवार को छोड़ शेष दिनों में ताला लटका रहता है. नतीजतन रोजाना सैकड़ों मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है. बरसात के मौसम में चर्म रोग की शिकायत काफी बढ़ गयी है. चिकित्सक के अनुसार ज्यादातर मरीजों में टीनिया, खुजली, एगजिमा आदि रोग पाये जा रहे हैं. चर्मरोग की परेशानी लेकर प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में लोग सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उधर अस्पताल के आकस्मिक विभाग में डायरिया से आक्रांत होकर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. इमरजेंसी में इन दिनों हर रोज लगभग एक दर्जन डायरिया के मरीज आ रहे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार जहां-तहां डायरिया का प्रकोप फैलने से बच्चे ज्यादातर प्रभावित हो रहे हैं.
बीमारियों से बचाव को चिकित्सक की सलाह
घर के आसपास सफाई रखें और जल जमाव न होने दें
दूषित पानी का प्रयोग न करें. फिल्टर्ड पानी पियें और यदि यह उपलब्ध नहीं हो, तो पानी को उवाल कर पियें.
बासी खाना नहीं खायें और बाजार में खुले में रखी खाने-पीने की चीजों से परहेज करें.
घर के आसपास समय समय पर ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव करें