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VIDEO में देखिए, डांसरों के विरोध से झुका प्रशासन, सोनपुर मेले में अब गुलजार होगा थियेटर

वैशाली : बिहार का विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला यूं तो मवेशियों के सबसे बड़े मेले के तौर पर जाना जाता है, लेकिन इस मेले का एक और आकर्षण थियेटर आज भी बना हुआ है. हर साल मेले में कपड़े का बड़ा सा हॉल बनता है. शाम होते ही थियेटर पूरी तरह रंगीन हो जाता है. […]

वैशाली : बिहार का विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला यूं तो मवेशियों के सबसे बड़े मेले के तौर पर जाना जाता है, लेकिन इस मेले का एक और आकर्षण थियेटर आज भी बना हुआ है. हर साल मेले में कपड़े का बड़ा सा हॉल बनता है. शाम होते ही थियेटर पूरी तरह रंगीन हो जाता है. थियेटर में डांसरों के जलवे पर गमछा बिछा कर नागिन डांस करने वालों को मानो यह मेला मुंबई के फिल्मी सितारों के रोमांस वाले उस जहां में लेकर जाता था, जहां सबकुछ लुटा कर भी लोग एक अलग तरह का सुकून महसूस करते थे. इस बार प्रशासन ने थियेटर को लाइसेंस देने से मना कर दिया. प्रशासन का आरोप था कि थियेटर की आड़ में अश्लीलता परोसी जाती है. फिर क्या था, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से पहुंची डांसर विरोध पर उतर आयीं और उन्होंने मेला प्रशासन के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. थक हारकर प्रशासन को आखिरकार लाइसेंस जारी करना पड़ा. हालांकि, लाइसेंस इस शर्त पर दिया जा रहा है कि थियेटर के अंदर अश्लीलता नहीं होगी.

सवाल यह है कि प्रशासन की सख्ती ने थियेटर के अंजुमन को बिना दरो-दीवार के बना डाला था. पांव में घुंघरू की आड़ में अश्लीलता की चाशनी में लिपटा डांस प्रशासन को पसंद नहीं, लेकिन उस पापी पेट का क्या जो देश के दूर-दराज के इलाकों से इस मेले के भरोसे अपनी जीविका चलाने आता है. प्रशासन के रवैये के खिलाफ डांसरों ने जोरदार विरोध किया. जिसे देखते हुए प्रशासन ने थियेटर को लाइसेंस इस शर्त पर दिया कि अश्लीलता का प्रदर्शन नहीं होनी चाहिए. साथ ही साथ यह भी हिदायत दी है कि थियेटर में शराब मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन के बदले रुख के बाद उम्मीद है कि शुक्रवार से सोनपुर मेले में थियेटर गुलजार होंगे. थियेटर शुरू नहीं होने की वजह से मेले में दो तीन दिनों तक पूरी तरह कर्फ्यू जैसा नजारा रहा. भीड़भाड़ वाले मेले की सड़कें सुनसान थीं, तो दुकानें बंद. झूले और खेल-तमाशे भी बंद नजर आये. दूरदराज से मेले में आये व्यापारी दुकानों के सामने उदास बैठे नजर आ रहे थे. व्यापारियों का कहना है कि थियेटरों के नहीं चलने की वजह से मेले के व्यवसाय पर असर पड़ रहा है

इससे पूर्व, प्रशासन के थियेटर का लाइसेंस नहीं देने के आदेश के बाद अपने जलवों से लोगों को जमीन पर लोटने के लिए मजबूर करने वाली डांसरों ने मंगलवार को एसपी हाय-हाय तथा थियेटरों का लाइसेंस जारी करो का नारा बुलंद करते हुए धरना पर बैठ गयी. डांसरों का कहना था कि अगर ऐसा ही करना था तो शुरूआत में ही यह ऐलान किया जाना चाहिए था कि इस वर्ष सोनपुर मेले में थियेटर नहीं चलेंगे. इस से दिल्ली, मुंबई, कानपुर, लखनऊ, कोलकाता आदि से यहां आने की जरूरत नहीं थी. यहां पहुंचने के बाद तरह-तरह का बहाना प्रशासन के पदाधिकारी बना रहे हैं जो अनुचित है. डांसर कला के प्रदर्शन के लिए बेकरार हैं लेकिन जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा था कि थियेटर संचालन पर रोक की बात नहीं है, लेकिन प्रदर्शन स्वच्छ रूप से हो तभी अनुमति दी जायेगी.

आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस वर्ष मेले में कुल आठ थियेटर लगाये गये हैं जिसमें दिल्ली, यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र एवं बंगाल की एक हजार से ज्यादा गमछा बिछाकर बिहार लूटने वाले गाने पर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर करने वाले कलाकार आये हुए हैं. इनका कहना है कि प्रशासन का यही रवैया रहा तो वे लोग रोजी रोटी कमाने के बदले मेले में आ कर भूखे मरने को मजबूर हो जायेंगे. हर साल सैकड़ों की संख्या में बाहरी लड़कियां इन थियेटरों में डांस करने आती हैं. स्थानीय लोग कहते हैं कि सोनपुर मेले का मुख्य आकर्षण ही थियेटर है और जब लोगों ने सुना कि इस साल थियेटर नहीं शुरू होगा, तो मेले में आने वालों की संख्या में कमी हो गयी, लेकिन डांसरों के विरोध के बाद प्रशासन ने लाइसेंस दे दी है, यह एक अच्छी बात है.

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