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बंद पड़ा है विद्युत शवदाह गृह, नहीं बदली जा सकी चिमनी

कार्य एजेंसी की लापरवाही से ठप पड़ा है मरम्मत का कार्य हाजीपुर : नगर के कौनहारा घाट, मुक्ति धाम स्थित विद्युत शवदाह गृह लगता है इस साल चालू नहीं हो सकेगा. अक्सर बंद रहनेवाला शवदाह गृह बड़ी मशक्कत के बाद इस वर्ष जनवरी में चालू तो हुआ, लेकिन पिछली बार की तरह कुछ महीनों में […]

कार्य एजेंसी की लापरवाही से ठप पड़ा है मरम्मत का कार्य

हाजीपुर : नगर के कौनहारा घाट, मुक्ति धाम स्थित विद्युत शवदाह गृह लगता है इस साल चालू नहीं हो सकेगा. अक्सर बंद रहनेवाला शवदाह गृह बड़ी मशक्कत के बाद इस वर्ष जनवरी में चालू तो हुआ, लेकिन पिछली बार की तरह कुछ महीनों में ही फिर बंद हो गया. लगभग तीन महीनों से बंद पड़ा शवदाह गृह कब चालू होगा,
यह कहना मुश्किल है. बिहार राज्य जल पर्षद की लापरवाही के कारण इसकी मरम्मत का कार्य अधर में है. शवदाह गृह की मशीन के ऑपरेटर ने बताया कि चिमनी में खराबी आने के कारण इसे बंद कर देना पड़ा. इधर, शवदाह गृह के बंद होने के कारण जिलावासियों को मुक्ति धाम पर दाह-संस्कार की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. नगर पर्षद द्वारा संचालित विद्युत शवदाह गृह की मरम्मत और मेंटेनेंस का कार्य बिहार राज्य जल पर्षद के जिम्मे है. नगर पर्षद का कहना है
कि शवदाह गृह की चिमनी खराब हो जाने पर बिहार राज्य जल पर्षद को इस संबंध में लिखा गया. इसके बाद नयी चिमनी लगाने का काम शुरू तो हुआ, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका है. उधर, स्थानीय लोगों ने बताया कि कार्य एजेंसी द्वारा फाउंडेशन तैयार करके छोड़ दिया गया. इसके आगे का काम ठप पड़ा है. शवदाह गृह के कर्मियों का कहना है कि पिछले पांच महीनों से वेतन भी नहीं मिल रहा, जिसके चलते परिवार चलाना मुश्किल हो गया है.
बढ़ रहा है नदी का प्रदूषण
लोगों का कहना है कि विद्युत शवदाह गृह के चालू होने से एक साथ कई फायदे हो रहे थे. इससे दाह-संस्कार में लोगों के समय और पैसे की बचत तो होती ही थी, नदी और घाट का प्रदूषण भी कम होने लगा था. विद्युत शवदाह गृह में 30 से 40 मिनट में दाह-संस्कार संपन्न हो जाता था. वहीं लकड़ी की चिता पर शव जलाने में तीन-से-चार घंटे लग जाते हैं. नदी के बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए विद्युत शवदाह गृह को दाह-संस्कार का सबसे बेहतर साधन माना जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
विद्युत शवदाह गृह की चिमनी खराब हो गयी है. शवदाह गृह के मेंटेनेंस और मरम्मत का काम बिहार राज्य जल पर्षद के जिम्मे है. इस संबंध में उसको पत्र लिखा गया था. इस पर काम भी शुरू हो गया है. चिमनी बन जाने के बाद शवदाह गृह को चालू कर दिया जाएगा.
सिद्धार्थ हर्षवर्धन, नगर कार्यपालक पदाधिकारी

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