हाजीपुर : जिले का सदर अस्पताल, जहां जिले के विभिन्न प्रखंडों समेत आस-पास के क्षेत्रों से प्रतिदिन सैकड़ों मरीज व उनके परिजन इलाज के लिए पहुंचते है और विभिन्न बीमारियों का इलाज कराते हैं. लेकिन पानी पीने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है. जल ही जीवन है, वाली कहावत को सदर अस्पताल के भीतर चरितार्थ होने में कुछ रुकावटें आ रही हैं. सदर अस्पताल में लोगों को आरोग्य तो मिल जाता है, लेकिन जल नहीं मिल रहा है. मरीजों को दवा खाने एवं उनके परिजनों की प्यास बुझाने के लिए बाहर से पानी खरीद कर पीना पड़ रहा
है.अस्पताल परिसर में लगे दो चापाकल कई माह से खराब पड़े हैं. दो चापाकलों में एक चापाकल ब्लड बैंक के पास खराब पड़ा है तो दूसरा रोगी कल्याण समिति कार्यालय के पास खराब है. हैरान करनी वाली बात यह है कि दोनों चापाकलों में एक चापाकल रोगी कल्याण समिति कार्यालय के पास है, जहां अस्पताल प्रबंधक का प्रतिदिन कार्यालय आना-जाना होता है लेकिन इस खराब पड़े चापाकल पर आजतक उनकी नजर नहीं जा सकी है.
लोगों का कहना है कि जब कार्यालय के पास इस समस्या से अस्पताल प्रबंधक बेखबर है तो अन्य समस्याओं का निदान कैसे होता होगा. लोगों का कहना है कि मरीजों को दवा खाने के लिए बाहर से पानी खरीदना पड़ रहा है. इस समस्या की सुधि लेनेवाला कोई नहीं है. वहीं दूसरी ओर ओपीडी विभाग के पास लगी वाटर मशीन से लोग एक रुपये का सिक्का डाल कर पानी पीने को मजबूर हैं. मालूम हो कि अस्पताल के मेंटेनेंस के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर राशि मुहैया करायी जाती है लेकिन इन समस्या को देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि मेंटेनेंस का क्या हाल है.