सोनपुर : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का पौराणिक एवं पावन भूमिका अत्यंत ही पुरातन है. पौराणिक, धार्मिक, तथा अाध्यात्मिक वर्णन तो अनेक स्थानों पर है. पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार गज ग्राह के बीच लंबे समय तक तक चले संघर्ष का अंत इसी स्थल पर हुआ था. […]
सोनपुर : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का पौराणिक एवं पावन भूमिका अत्यंत ही पुरातन है. पौराणिक, धार्मिक, तथा अाध्यात्मिक वर्णन तो अनेक स्थानों पर है. पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार गज ग्राह के बीच लंबे समय तक तक चले संघर्ष का अंत इसी स्थल पर हुआ था.
गज को ग्राह ने इस तरीके से जकड़ रखा था कि गज का बचना मुश्किल था. गज ने अपने अाराध्य भगवान विष्णु को स्मरण किया. साक्षात भगवान विष्णु ने इसी स्थल पर अवतरित होकर गज की रक्षा की. नारायणी नदी (गंडक) के किनारे पर गज ग्राह युद्ध के बाद ही कौनहारा घाट का नामकरण हुआ. यह स्थल हाजीपुर की ओर है. हरिहर क्षेत्र की संपूर्ण भूमि शैव के लिए स्वर्ग तथा वैष्णव के लिए बैकुंठ है. महान साधक जड़ भरत श्रृषि का आश्रम हरिहर क्षेत्र मंदिर से दो किलोमीटर उत्तर बैजलपुर गांव में गंडक नदी के किनारे स्थित है.
सामाजिक एवं साम्प्रदायिक सदभावो की समन्वय भूमि यह हरिहर क्षेत्र आर्य संस्कृति का पुरातन केंद्र है. मठ-मंदिरो, मुर्तियो स्मारको एवं समाधियो के प्राचुर्य मात्रा में यहां होने के कारण यह क्षेत्र ऐतिहासिक महत्व रखते हुए पुरातत्वेताओ के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है.
सैलानियों के लिए टेंट का कॉटेज बनाये गये हैं
विदेशी सैलानियों के लिए टेंट से बने कॉटेज बनाये गये हैं. यहां इंटर कांटीनेंटल डिशेज आसानी से सैलानियों को मिलता है. यहां टेंट का कॉटेज बनाया गया है. इसमें काफी बेहतर बेड, इटालियन बाथरूम आदि की सुविधाएं है. शुरुआत के प्रथम सप्ताह 6000 एवं टैक्स पर डे, दूसरा सप्ताह 4000 प्लस टैक्स, तीसरे सप्ताह में मेले के समापन तक 2500 रुपये तथा चौथे सप्ताह में 1500 सौ प्रति कॉटेज प्रतिदिन पर उपलब्ध है.
कई राज्यों के कारोबारी आते हैं मेले में
गर्म कपड़े के लिए भी यह मेला मशहूर हैं. जम्मू कश्मीर, हरिद्वार, कानपुर, सहारनपुर, नीरपुर के अलावा लुधियाना, पंजाब, दिल्ली के व्यवसायी दुकानें लगाते हैं. अभी हरियाणा व लुधियाना के व्यापारियों का दुकान सज रहा है. कार्तिक पूर्णिमा से उन लोगों की दुकानें खुलने लगेगी. इस बार भी पानीपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, साहरनपुर आदि से कंबल व उनी कपड़ो की दर्जनों दुकान आयी है, जो लग रही हैं.