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लूटकांड में एसआईटी का छापा

वैशाली एसपी के नेतृत्व में जिले के पांच थानों की पुलिस भी थी तैनात गृहस्वामी व उनके परिजनों ने की रोड़ेबाजी कई पुलिसकर्मी घायल हाजीपुर/पटना : एसआईटी की टीम ने शनिवार की देर रात सदर थाना क्षेत्र के दिधी मोहल्ले में छापेमारी की. लूटकांड में दिधी मोहल्ले निवासी राजेन्द्र राय का पुत्र कुणाल और विशाल […]

वैशाली एसपी के नेतृत्व में जिले के पांच थानों की पुलिस भी थी तैनात
गृहस्वामी व उनके परिजनों ने की रोड़ेबाजी कई पुलिसकर्मी घायल
हाजीपुर/पटना : एसआईटी की टीम ने शनिवार की देर रात सदर थाना क्षेत्र के दिधी मोहल्ले में छापेमारी की. लूटकांड में दिधी मोहल्ले निवासी राजेन्द्र राय का पुत्र कुणाल और विशाल संलिप्त है. इसके साथ ही इस बात का खुलासा हुआ की इलाहाबाद बैंक की 45 लाख रुपये लूटकांड का तार हाजीपुर से जुड़ा है. इसके बाद पटना एसएसपी के निर्देश पर पटना एसआईटी की टीम हाजीपुर पहुंची. हालांकि पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही परिजनों ने रोड़ेबाजी शुरू कर दी. अचानक हुई रोड़ेबाजी और घर का मेन गेट बंद होने के कारण छापेमारी दल के सदस्य इधर-उधर छुप गये.
इस क्रम में कई पुलिसकर्मी को चोटें भी लगी. इसी बीच अंधेरे का लाभ उठाते हुए पुलिस का वांछित अभियुक्त भाग निकलने में सफल हो गया. इसके बाद पुलिस ने गृहस्वामी राजेंद्र राय को गिरफ्तार कर लिया. रोड़ेबाजी के दौरान राजेंद्र राय भी जख्मी हो गये थे. देर रात में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. पूछताछ के बाद रविवार को सदर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया.
दिधी स्थित राजेंद्र राय के घर की घेराबंदी की थी: पुलिस सूत्रों के अनुसार पटना एसआईटी के साथ जिले के सदर, औद्योगिक, गंगाब्रिज, नगर सहित पांच थानों की पुलिस सदर थाने के दिधी स्थित राजेंद्र राय के घर की घेराबंदी की थी. एसआईटी को गुप्त सूचना मिली थी कि कुणाल और विशाल घर पर है.
इधर पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही परिजन घर का मेन गेट खोलने में आनाकानी करने लगे. इसी बीच घर की छत से परिजनों ने पुलिस टीम पर जमकर रोड़ेबाजी करने लगे. रोड़ेबाजी से कई पुलिसकर्मी के चोटिल होने के बाद अन्य पुलिसकर्मी आसपास दुबक गये. लगभग डेढ़ घंटों की काफी मशक्कत के बाद टीम घर के अंदर प्रवेश की. घर की तलाशी ली गयी लेकिन पुलिस को वांछित अभियुक्त हाथ नहीं लगा.
दो भाइयों की पहले हो चुकी है हत्या : बैंक लूटकांड में संलिप्त कुणाल और विशाल का अापराधिक इतिहास रहा है. इसके दो भाइयों की अापराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पहले ही हत्या हो चुकी है.
एक भाई मुन्ना की हत्या पहले हो चुकी है. बीते छह माह पहले ही दूसरे भाई चंदन व उसके दो अन्य साथियों की हत्या कर शव को औद्योगिक थाना क्षेत्र में फेंक दिया गया था. पुलिसिया जांच में चंदन की हत्या का कारण दो अपरधी गुटों के बीच वर्चस्व बताया गया था. तीसरा भाई ज्योति दस दिन पहले ही सदर पुलिस के हत्थे चढ़ा था. सदर पुलिस ने उसे स्टेशन चौक के समीप से नाटकीय ढ़ंग से गिरफ्तार किया था. वह एक साल पहले सर्किट हाउस के समीप हुई हत्या में नामजद अभियुक्त है. फिलवक्त ज्योति हाजीपुर मंडल कारा में बंद है.
29 अगस्त को धनरुआ में हुई थी 45 लाख की लूट
मालूम हो कि बीते 29 अगस्त को पटना के धनरुआ थाना क्षेत्र के नीमा हॉल्ट के समीप एनएच 83 पर लुटेरों ने इलाहाबाद बैंक के कैश वैन से 45 लाख रुपये लूट लिए थे. इस दौरान विरोध करने पर लुटेरों ने निजी सिक्यूरिटी कंपनी के गार्ड रामबाबू सिंह को गोली मार उसकी राइफल भी लूट लिए थे. यह रुपये मसौढ़ी स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा की थी, जिसे निजी सिक्यूरिटी कंपनी के वैन से पटना के कोतवाली थाने के समीप स्थित इलाहाबाद बैंक की चेस्ट करेंसी में जमा करने के लिए लाया जा रहा था. तीन बाइक पर सवार छह अपराधियों ने कैश वैन को ओवरटेक कर रोकने के बाद वैन पर सवार सभी चार कर्मियों को बंधक बना लिया था. घटना को अंजाम देने के बाद सभी लुटेरे पुनपुन की ओर भाग निकले थे.
क्या कहते हैं अिधकारी
पटना के धनरुआ में हुए कैश वैन से 45 लाख रुपये लूटकांड के सिलसिले में पटना एसआईटी की टीम हाजीपुर आयी थी. उनके नेतृत्व में पांच थानों की पुलिस दिघी मोहल्ले स्थित एक घर में छापेमारी की थी. इस दौरान गृहस्वामी के परिजनों द्वारा रोड़ेबाजी गयी. हालांकि एसआईटी का वांछित अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हो सका. पुलिस ने गृहस्वामी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
राकेश कुमार, एसपी, वैशाली

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