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तीन दशक बाद गांधी सेतु जगमग

बेहतरी. सेतु के सभी खंभों पर लगायी गयीं दो-दो स्ट्रीट लाइटें हाजीपुर : तीन दशक से अंधकार में डूबा उत्तर बिहार का लाइफ कहा जाने वाला महात्मा गांधी सेतु अब शाम ढलते ही रोशनी से जगमगा उठता है. सेतु के जीर्णोद्धार की कड़ी में निर्माण एजेंसी ने रोशनी की व्यवस्था की है. सेतु के पाया […]

बेहतरी. सेतु के सभी खंभों पर लगायी गयीं दो-दो स्ट्रीट लाइटें

हाजीपुर : तीन दशक से अंधकार में डूबा उत्तर बिहार का लाइफ कहा जाने वाला महात्मा गांधी सेतु अब शाम ढलते ही रोशनी से जगमगा उठता है. सेतु के जीर्णोद्धार की कड़ी में निर्माण एजेंसी ने रोशनी की व्यवस्था की है. सेतु के पाया संख्या एक से लेकर 29 तक निर्माण एजेंसी द्वारा लाइट की व्यवस्था कर ली गयी है. रोशनी की प्रचुर व्यवस्था के लिए तीस मीटर लंबाई के पाया के बीच छह खंभे गाड़े गये है. सभी खंभों पर दो-दो स्ट्रीट लाइट लगाये जा रहे है. एक स्ट्रीट लाइट सेतु के पूर्वी लेन पर रोशनी बिखेर रही है
जबकि दूसरी स्ट्रीट लाइट से सेतु का पश्चिमी लेन प्रकाश मय हो रहा है. शेष भाग में रोशनी की व्यवस्था की जा रही है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले चार दिनों में गांधी सेतु का पूरा भाग रोशनी से जगमगा जायेगा. शनिवार को पाया संख्या 43 के समीप बल्व लगाया जा रहा था. अफकॉन्स सिवमोस्ट ज्वांट वेंचर कंपनी द्वारा सेतु के जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में सेतु पर रोशनी की व्यवस्था की जा रही है. कंपनी द्वारा सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को काट कर नये सिरे से निर्माण किया जाना है.
पांच पायों का ऊपरी स्ट्रक्चर काटा गया : सेतु के जीर्णोद्धार के लिए निर्माण एजेंसी द्वारा सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को काटा जा रहा है. हाजीपुर साइड से सेतु के पश्चिमी लेन का पाया संख्या एक से लेकर पांच तक ऊपरी स्ट्रक्चर को काट कर हटा दिया गया है. कंपनी द्वारा पहले चरण में पाया संख्या 12 तक ऊपरी स्ट्रक्चर को काटने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पाया संख्या एक से 12 के बीच करकट से घेराबंदी भी की गयी है. इस साल के अंत तक सेतु का पश्चिमी लेन का ऊपरी स्ट्रक्चर काट कर हटाने का कंपनी का लक्ष्य है. इस दौरान सेतु पर पूर्वी लेन से ही वाहनों की आवाजाही करायी जायेगी. इसके बाद नये सिरे से पश्चिमी लेन का निर्माण किया जायेगा. पश्चिमी लेन के निर्माण होने के बाद पूर्वी लेन के ऊपरी स्ट्रक्चर को काटने का काम शुरू किया जायेगा.
सेतु पर लगाये गये हैं छह जेनेरेटर
सेतु पर रोशनी की व्यवस्था के लिए कंपनी ने छह जेनेरेटर लगाया है. पाया संख्या एक और 12 के समीप दो-दो जेनेरेटर लगाये गये है. इसी प्रकार सेतु पर मध्य में भी दो जेनेरेटर लगाया गया है. सभी जेनेरेटर 125 केवी के है. कंपनी के अधिकारी की माने तो प्रतिदिन इसमें साढ़े तीन सौ लीटर डीजल की खपत हो रही है. कंपनी द्वारा सेतु पर रोशनी की व्यवस्था करने के पीछे दो उद्देश्य है. पहला कि सेतु के जीर्णोद्धार के लिए ऊपरी स्ट्रक्चर की कटाई का काम रात में भी किया जा सके. दूसरा सेतु की सड़क की जर्जर स्थिति और जलजमाव से बन गये बड़े-बड़े गड्ढ़े से छोटे वाहन चालकों को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाना है.

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