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नदियों को प्रदूषणमुक्त रखने की योजनाएं फेल
हाजीपुर : देश की विभिन्न नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने व करने की कवायद तेज करने का भले ही संकल्प लिया जा चुका है. लेकिन इससे संबंधित योजनाओं की निगरानी नहीं की जा रही है. नदी घाटों पर पूर्व की तरह ही गंदगी पसरी रहती है. साथ ही नदियों में प्रदूषण फैलाने की परंपरा बेरोक-टोक […]
हाजीपुर : देश की विभिन्न नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने व करने की कवायद तेज करने का भले ही संकल्प लिया जा चुका है. लेकिन इससे संबंधित योजनाओं की निगरानी नहीं की जा रही है. नदी घाटों पर पूर्व की तरह ही गंदगी पसरी रहती है. साथ ही नदियों में प्रदूषण फैलाने की परंपरा बेरोक-टोक जारी है. इसका खुलासा नगर के विभिन्न नदी घाटों का मुआयना करने के बाद हुआ.
अब भी जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों से लोग अपने परिजनों के शवों के दाह संस्कार के लिए आते हैं और नदी को प्रदूषित करने से कोई परहेज नहीं करते. नदियों को प्रदूषण मुक्त करने व रखने को लेकर कई योजनाएं चलायी जा रही है. लेकिन इन योजनाओं की निगरानी ठीक तरीके से नहीं होने के कारण योजनाएं अब तक आंशिक रूप में भी सफलता की ओर नहीं बढ़ सकी है. गंडक नदी पर स्थित कोनहारा घाट पर पसरी गंदगी तो इसी ओर इशारा करती है. अपने परिजनों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोग आज भी दाह-संस्कार के बाद बचे अवशेष को नदी में फेंक कर नदी को प्रदूषित करते हैं.
लेकिन उन्हें रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया है. नमामि गंगे अभियान,राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन जैसी कई योजनाएं चल रही है. परंतु इन योजनाओं की जमीनी हकीकत निराश करने वाली है.
वीआइपी शवों के अंतिम संस्कार की सूचना पर ही होती है नदी घाटों की सफाई : जब नगर के ऐतिहासिक कोनहारा घाट पर किसी वीआइपी शव का अंतिम संस्कार होने की सूचना मिलती है, तो गंडक नदी के घाट की साफ-सफाई को लेकर अभियान तेज कर दिया जाता है. परंतु ऐसे तो वहां गंदगी पसरी रहती है. घाट पर अपने निजी मकानों में रहने वाले लोगों ने बताया कि कभी-कभी नगर परिषद की ओर से साफ-सफाई को लेकर खानापूर्ति की जाती है. हालांकि नव निर्वाचित नगर सरकार का यह दावा है कि शीघ्र घाटों पर पौधारोपण अभियान की शुरुआत की जानी है.
घाटों पर हरियाली का लोगों को दर्शन हो सके, इसके लिए नव निर्वाचित नगर सरकार कृत संकल्पित होकर कार्य योजना बनाने में जुटी है. श्मशान स्थल पर प्रशासनिक निगहबानी नहीं होने से लोग केंद्र सरकार के संकल्पों से इतर नदियों में व घाटों पर प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आ रहे. आने वाले दिनों में यही स्थिति रही तो राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन को पूरा करने का केंद्र सरकार का संकल्प पूरा हो सकेगा अथवा नहीं यह कहना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा है.
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