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हत्या के मामले में एक को आजीवन कारावास

हाजीपुर. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 18 वर्ष पूर्व हुए एक दस वर्षीय बच्चे की हत्या के मामले में एक आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. मृतक के पिता परशुराम शर्मा ने सदर थाना कांड संख्या 53/99 दर्ज कराया था. प्राथमिकी में आरोप था कि उनके 10 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार का अपहरण व हत्या […]

हाजीपुर. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 18 वर्ष पूर्व हुए एक दस वर्षीय बच्चे की हत्या के मामले में एक आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. मृतक के पिता परशुराम शर्मा ने सदर थाना कांड संख्या 53/99 दर्ज कराया था. प्राथमिकी में आरोप था कि उनके 10 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार का अपहरण व हत्या कर शव को बोरे में रख कर शव को घर के बगल में फेंक दिया था.
मामले में पांच लोगों को आरोपित किया गया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले के 11 गवाहों के बयान पर 10 जुलाई 2017 को हत्या में शामिल एक आरोपित को दोषी करार दिया गया था. फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश बिपिन दत्त पाठक की अदालत ने हत्या के बिन्दु पर बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषी दिग्घी लाल पोखर निवासी उमा राय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अन्य चार आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया गया था.
क्या था मामला: मालूम हो कि 18 वर्ष पूर्व 21 फरवरी 1999 को सदर थाना क्षेत्र के विशनपुर बालाधारी बलवा कोआरी निवासी परशुराम शर्मा के 10 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार का अपहरण कर लिये जाने की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में 10 वर्षीय उक्त किशोर का शव मिलने पर अपहरण का मामला हत्या के मामले में तब्दील हो गया था.दर्ज प्राथमिकी में सदर थाने के दिग्घी कला निवासी उमा राय, विशनपुर बालाधारी बलवा कोआरी निवासी प्रमोद शर्मा, अरुण कुमार, अकलू ठाकुर, गुलटेन ठाकुर पर किशोर का अपहरण कर लेने का आरोप लगाया गया था.
पुलिस अनुसंधान में यह बात उभर कर सामने आयी थी कि गुमटी रखने को लेकर हुई विवाद में किशोर की हत्या कर दी गयी थी और उसके शव को बोरे में रख कर घर से कुछ दूरी पर फेंक दिया गया था.

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