हाजीपुर : हाजीपुर समेत जिले के विभिन्न हिस्सों में बिजली के जर्जर तार हर रोज हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं. जहां-तहां जर्जर विद्युत तार टूट कर गिरने से जान माल का भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन ये तार बदले नहीं जा रहे. कार्य एजेंसी की लापरवाही से जर्जर तारों को बदलने का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा. मालूम हो कि जिले के 18 पावर सब स्टेशनों से जुड़े
11 केवी फीडरों के 310 किलोमीटर में जर्जर तारों को बदलने का काम गोदरेज कंपनी को सौंपा गया है. इस कार्य को पिछले साल के दिसंबर महीने तक ही पूरा कर लेना था, लेकिन कार्य की धीमी प्रगति के कारण निर्धारित समय में यह पूरा नहीं हो सका. तब कार्य की अवधि बढ़ा कर मार्च 2017 तक कर दिया गया, लेकिन फिर भी काम पूरा नहीं हुआ. अब इस काम को पूरा करने के लिए इस साल के दिसंबर महीने तक का समय निर्धारित किया गया है. कार्य की गति देख कर ऐसा नहीं लगता कि इस समय सीमा में भी यह काम पूरा हो सकेगा.
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक लोड के कारण 11 केवी के हाइ टेंशन तार टूट कर गिर जा रहे हैं. जर्जर तारों के टूट कर गिरने के कारण पिछले एक साल के दौरान लगभग दस लोगों की जानें जा चुकी है. कई मवेशियों की भी मौत हो चुकी है. कुछ महीने पहले सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल जल कर राख हो चुकी है.
सैकड़ों किलोमीटर विद्युत तार हैं जर्जर
एनबीपीडीसी के सर्वे के मुताबिक जिले के जिन क्षेत्रों में विद्युत तार जर्जर हैं, उनमें लालगंज पावर सब स्टेशन से जुड़े वैशाली फीडर की स्थिति बेहद खराब है, जिनमें 40 किलोमीटर तार जर्जर पाये गये हैं. इसके अलावा इसी पीएसएस से जुड़े जैतीपुर फीडर में 23 किलोमीटर, सराय पावर सब स्टेशन से लालगंज फीडर में 25.62 किलोमीटर, महुआ पावर सब स्टेशन से सिंघाड़ा फीडर में 19.54 किलोमीटर, बिदुपुर बाजार फीडर में 9.35 किलोमीटर, महनार पीएसएस से जुड़े लावापुर हसनपुर में 10 किलोमीटर, वैशाली पीएसएस क्षेत्र के दाऊद नगर में 7 किलोमीटर, धारपुर में 5 किलोमीटर, बौद्ध फीडर में 4.74 किलोमीटर जर्जर तार पाये गये थे. इसी प्रकार शुभइ फीडर में 6 किलोमीटर, पातेपुर फीडर में 9.22 किलोमीटर, चन्द्रालय फीडर में 9.07 किलोमीटर, प्रतापटांड फीडर में 8.09 किलोमीटर, राघोपुर फीडर में 25 किलोमीटर, चांद सराय फीडर में 5.54 किलोमीटर तार जर्जर पाये गये. इसके अलावे जिले के अन्य दर्जनों फीडरों में भी कई-कई किलोमीटर जर्जर तार हैं.
जिले में जर्जर तार के टूटने और करेंट लगने की घटनाओं के मद्देनजर नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बीआरजीएफ फेज टू योजना से जर्जर तारों को बदलने का कार्य लिया था. एनबीपीडीसी द्वारा जिले में कराएं गये सर्वें में 11 केवी फीडर के लगभग 310 किलोमीटर तार जर्जर स्थिति में पाये गये थे.
क्या कहते है अधिकारी
जिले में जर्जर तारों को बदलने का काम ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के साथ जोड़ कर किया जा रहा है. जिन-जिन गांवों में विद्युतीकरण का कार्य हुआ है या होना है, वहां जर्जर तारों को भी बदला जा रहा है. वैसे जिले में बड़े पैमाने पर जर्जर तारों को देखते हुए तार बदलने की नयी योजना आने वाली है. रिकंडक्टिंग की यह विशेष योजना होगी, जो अगले कुछ महीने में शुरू हो जायेगी.
रामेश्वर सिंह, कार्यपालक अभियंता, विद्युत (प्रोजेक्ट)