दुखद. सड़क हादसे में चार की मौत से दो गांवों में मातम
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सलहा गांव में नहीं जले चूल्हे
दुखद. सड़क हादसे में चार की मौत से दो गांवों में मातम तीन घरों में मचा कोहराम रिश्तेदारों के पहुंचने का सिलसिला था जारी अरनिया/जंदाहा : बुधवार की रात दो बाइकों के आमने-सामने की टक्कर में घायल मां-बेटे की देर रात पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस घटना में दोनों बाइकों के […]
तीन घरों में मचा कोहराम रिश्तेदारों के पहुंचने का सिलसिला था जारी
अरनिया/जंदाहा : बुधवार की रात दो बाइकों के आमने-सामने की टक्कर में घायल मां-बेटे की देर रात पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस घटना में दोनों बाइकों के चालक की घटना के कुछ ही देर बाद मौत हो गयी थी. चार लोगों की मौत से तीन घरों में जहां कोहराम मचा हुआ है, वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है. इस घटना ने जंदाहा थाना क्षेत्र के सलहा एवं पानापुर सिलौथर गांव के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. गुरुवार को दोनों गांवों में मातमी सन्नाटा पसरा था.
सलहा गांव के राजकुमार राय उर्फ सिपाही राय चार दिन पहले ही गुवाहाटी से घर आया था. वह गोवाहाटी में मजदूरी करता था. बुधवार की शाम वह पड़ोसी बबलू कुमार राय की बाइक से जंदाहा बाजार गया था. मकान के निर्माण व छत की ढ़लायी के लिए वह सरिया और तार लाने गया था. बाजार से खरीदारी कर लौटने के दौरान ही दुर्घटना हो गयी थी, जिसमें सिपाही राय की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. पूरे सलहा गांव में घटना के बाद कोहराम मचा हुआ था. गुरुवार को किसी के घर में चूल्हा तक नहीं जला.
एक माह पहले हुई थी सिपाही की शादी : एक माह पहले ही मोहिउद्दीननगर के दशहरा गांव में सिपाही की शादी हुई थी. घटना के दिन ही उसने अपनी नयी-नवेली दुल्हन की विदाई करा कर लाया था. सिपाही राय की पत्नी घटना के बाद लगातार बेहोशी की अवस्था में सुध-बुध खोयी हुई थी. माता शिवकुमारी देवी की भी स्थिति गंभीर बनी हुई थी. वह सिर्फ एक ही बात कर रही थी, अब घर कौन छत ढलवायेगा और घर में कौन रहेगा. आसपास की महिलाएं ढांढ़स बंधा रही थीं. सिपाही राय के पिता खेतिहर मजदूर हैं. वह तो पागल की स्थिति में आने-जाने वाले लोगों का चुपचाप मुंह निहार रहे थे. वह अपने पुत्र को खोज रहे थे.
मालूम हो कि बुधवार की देर शाम दो बाइकों की सीधी टक्कर में बाइक चालक चंदन कुमार और सिपाही राय की मौत हो गयी थी. इस घटना में चंदन की मां ममता देवी और सिपाही राय का पड़ोसी बबलू कुमार गंभीर रूप से घायल हो गये थे. दोनों को जंदाहा पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए चिकित्सकों ने रात में ही पीएमसीएच रेफर कर दिया था. पीएमसीएच में इलाज के दौरान देर रात में दोनों की मौत हो गयी.
मां और भाई की मौत से बेहोश हो जा रही थी बहन गुड़िया
मेरे लाल को ला दो…
सलहा गांव के बबलू कुमार राय के घर भी कोहराम मचा था. मृतक की माता मंजू देवी भी अपने पुत्र के शोक में मर्माहत थी. वह भी अपने पुत्र के लिए चीत्कार मार कर रो-रो कर बेहोश हो जा रही थी. सभी का चेहरा देख सिर्फ एक ही बात बोलती थी कि मेरा लाल कहां गया, कोई मेरे लाल को ला दो. आसपास की महिलाएं उसे तसल्ली देने में व्यस्त थीं. इस क्रम में वह बेहोश हो जा रही थी.
मां-बेटे की मौत से गांव में शोक की लहर
पानापुर सिलौथर गांव की कमोबेश यही स्थिति थी. इस घर में इक्का-दुक्का सिर्फ महिलाएं गमगीन अवस्था में घर का छत निहार रही थीं. मृतक चंदन कुमार एवं उसकी माता मीरा देवी जो जंदाहा पीएचसी में ममता के पद पर कार्यरत थी. मां- बेटा दोनों की मौत पूरे गांव को शोकाकुल कर रखा था. सबसे बुरी स्थिति मृतक की बहन गुड़िया कुमारी की थी. वह इंटर में फेल होने के सदमा से अभी उबर भी नहीं पायी थी कि मां एवं भाई की मौत ने उसे बदहवास बना दिया था. बुधवार की रात में भाई की मौत ने उसे तोड़ दिया था. गुरुवार की सुबह घायल मां की मौत की मनहूस खबर मिली. दोनों गांवों के अधिकतर पुरुष पटना एवं हाजीपुर में शव का पोस्टमार्टम कराने गये हुए थे. घटना से सलाह एवं पानापुर सिलौथर में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था.
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