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पढ़ाई बीच में छोड़ने के बाद दोबारा एडमिशन लेना होगा आसान, UGC ने NHEQF में किया बदलाव

हायर एजुकेशन में एडमिशन के बाद अगर कोई स्टूडेंट्स किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ देता है, तो वह कुछ क्रेडिट लेकर जायेगा. दोबारा एडमिशन लेना अब पहले से कहीं आसान होगा. यूजीसी ने नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) में बदलाव किया है. अब 4.5 से आठ लेवल कर दिया गया है.

पटना. यूजीसी ने नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) में बदलाव किया है. अब 4.5 से आठ लेवल कर दिया गया है. पहले यह 5 से 10 साल का था. यूजीसी ने कहा है कि नयी व्यवस्था में यह फ्रेमवर्क ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी तक लागू होगा. नये बदलाव को लेकर 25 मई को देश भर के यूनिवर्सिटियों के कुलपति और कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ यूजीसी की मीटिंग होगी. मीटिंग ऑनलाइन मोड में होगी. इस तरह की चार बैठकें होंगी, ताकि इसे लागू करने में कोई परेशानी न हो. सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी करने पर कितने क्रेडिट मिलेंगे, इसके दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया गया है. हायर एजुकेशन में एडमिशन के बाद अगर कोई स्टूडेंट्स किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ देता है, तो वह कुछ क्रेडिट लेकर जायेगा. दोबारा एडमिशन लेना अब पहले से कहीं आसान होगा.

मल्टी एंट्री और एग्जिट सुविधा का विकल्प करना होगा लागू

यूजीसी के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण को भी आसान बनाया गया है. एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स के माध्यम से मल्टी एंट्री और एग्जिट सुविधा के विकल्प को हर संस्थान में लागू किया जायेगा. अब एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाने के लिए क्रेडिट काम आयेंगे. बहुविषयक पढ़ाई के विकल्प से अब केवल कुछ विषयों के दायरे में नहीं बंधना होगा, बल्कि छात्र अपनी पसंद के हिसाब से विषय चुन सकेंगे. हायर एजुकेशन में एडमिशन में बढ़ोतरी, रोजगार आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने समेत नये-नये प्रयोगों के लिए एनएचइक्यूएफ जारी किया गया है. यह फ्रेमवर्क सभी यूनिवर्सिटियों व कॉलेजों में लागू किया जायेगा. चार साल का डिग्री कोर्स भी अब लागू हो गया है. यूजीसी ने फ्रेमवर्क के तहत क्रेडिट और ग्रेडिंग फॉर्म्युला भी तैयार किया है.

एक कोर्स से दूसरे कोर्स में शिफ्ट करने में भी होगी आसानी

प्रो कुमार का कहना है कि अभी जो नियम लागू हैं, उनमें छात्रों को एक कोर्स से दूसरे कोर्स में शिफ्ट होने या एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाने में दिक्कत होती है, लेकिन क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर्मूला अब सभी जगह पर लागू होगा. यूजीसी का यह फ्रेमवर्क यूनिफॉर्म करिकुलम या नेशनल कॉमन करिकुलम को प्रमोट नहीं करता है, बल्कि यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों को नये-नये प्रयोग करने की इजाजत देता है. साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि हर संस्थान में छात्र को स्तरीय शिक्षा मिले.

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क्रेडिट और ग्रेडिंग फॉर्मूला इस प्रकार

  • आउटस्टैंडिंग (O) के लिए 10 ग्रेड प्वाइंट मिलेंगे

  • A (एक्सीलेंट) के लिए नौ ग्रेड मिलेंगे.

  • A (वेरी गुड) के लिए आठ प्वाइंट मिलेंगे.

  • B (गुड) के लिए सात प्वाइंट मिलेंगे.

  • B (औसत से ज्यादा) के लिए छह प्वाइंट मिलेंगे.

  • C (औसत) के लिए पांच प्वाइंट मिलेंगे

  • P (पास) के लिए चार ग्रेड प्वाइंट मिलेंगे.

  • F (फेल) को कोई प्वाइंट नहीं मिलेगा.

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