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बिहार में 3 नया आपराधिक कानून हुआ लागू, पुलिस जांच का भी तरीका बदलेगा, जानिए पूरी जानकारी…

बिहार समेत देशभर में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं. अब पुलिस जांच का भी तरीका बदल जाएगा. जानिए पूरी जानकारी....

3 New Criminal Laws: देश की पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था को मजबूती देने को लेकर बनाये गये तीन नये आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से बिहार सहित पूरे देश में लागू हो जायेंगे. ब्रिटिश शासन काल से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा. बिहार के सभी थानों में नया कानून लागू किये जाने को लेकर पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है.

थानों में लगेगी पाठशाला, लोगों को दी जाएगी जानकारी

एक जुलाई को राज्य के सभी थानों पर आम जनता को नये कानून की जानकारी देने को पाठशाला लगेगी. इसमें थानाध्यक्षों के द्वारा स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नये आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी जायेगी. थाना में पदस्थापित महिला पुलिस पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित नागरिकों को विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों के बारे में अवगत कराया जायेगा. बड़े बदलावों पर तैयार एक पुस्तिका भी थानाध्यक्षों के द्वारा आमंत्रित नागरिकों को उपलब्ध करायी जायेगी. नये कानून लागू होने पर विभिन्न अपराध दर्ज करने की धाराएं और न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आयेगा.

अनुसंधान का बदल जायेगा तरीका

एक अप्रैल से नया कानून लागू होने पर सबसे बड़ा बदलाव होगा कि पुलिस जांच पदाधिकारियों के अनुसंधान का तरीका बदलेगा. डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा मिलने से गंभीर अपराध के घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन किये जायेंगे. घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर जोर रहेगा. अपराध में मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, इंटरनेट आदि के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संग्रह कर न्यायालय में पेश करना होगा. इससे खास कर साइबर अपराधों में मामलों में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी.

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एससीआरबी के वेबसाइट से एफआइआर डालनलोड की सुविधा

पुलिस मुख्यालय ने बताया कि वर्तमान में बिहार पुलिस के एससीआरबी वेबसाइट https://scrb.bihar.gov.in/ पर एफइआइआर डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है. शीघ्र ही गुम हुई संपत्ति की रिपोर्ट, लापता व्यक्ति की रिपोर्ट, घरेलू सहायक का पूर्व चरित्र सत्यापन, ड्राइवर का पूर्व चरित्र सत्यापन, वरिष्ठ नागरिक का रजिस्ट्रेशन व किरायेदार का पूर्व चरित्र सत्यापन जैसी व्यवस्थाएं भी ऑनलाइन हो जायेगी. बिहार पुलिस की वेबसाइट https://police.bihar.gov.in/ पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी वर्जन में उपलब्ध है.

इ-मेल से करें थानों को शिकायत

डिजिटल पुलिसिंग का फायदा होगा कि आम लोग इ-मेल से भी थानों को अपनी शिकायत भेज सकेंगे. इसके लिए बिहार पुलिस के वेबसाइट पर राज्य के सभी थानों के नंबर एवं इ-मेल आइडी की जानकारी दी गयी है. थानों के इ-मेल आईडी के माध्यम से संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. नये कानून में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन पर जोर से सिर्फ बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर रोक लगेगी. पूरे राज्य में गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति का फिंगरप्रिंट NAFIS डाटबेस में दर्ज किया जायेगा. इससे आपराधिक घटनास्थल पर मिलने वाले फिंगरप्रिंट का त्वरित मिलान फिंगरप्रिंट ब्यूरो के द्वारा पूरे देश में गिरफ्तार व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट डाटाबेस से किया जा सकेगा.

ThakurShaktilochan Sandilya
ThakurShaktilochan Sandilya
डिजिटल मीडिया का पत्रकार. प्रभात खबर डिजिटल की टीम में बिहार से जुड़ी खबरों पर काम करता हूं. प्रभात खबर में सफर की शुरुआत 2020 में हुई. कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग दोनों क्षेत्र में अपनी सेवा देता हूं.

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