Tej Pratap Yadav : बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू परिवार चर्चा के केंद्र में है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनके मन में भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है. यही नहीं, उन्होंने छोटे भाई तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी सीधा हमला बोला और आरोप लगाया कि ये लोग असली मुद्दों से भटक कर सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं.
तेज प्रताप का बड़ा दावा
राजनीति में अक्सर बयानबाज़ी चर्चा का केंद्र बनती है. इस बार सुर्खियों में हैं तेज प्रताप यादव. एक निजी यूट्यूब चैनल से बातचीत में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि — मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है, एकदम है मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है मेरे मन में. जब हम मुख्यमंत्री बनेंगे तभी पिताजी की तरह काम कर पाएंगे.
तेज प्रताप का यह बयान न केवल उनके व्यक्तिगत सपनों को उजागर करता है.
तेज प्रताप का कहना है कि जब तक वे मुख्यमंत्री नहीं बनते, तब तक अपने पिता लालू प्रसाद यादव जैसा काम नहीं कर सकते. वे कहते हैं कि लालू ने जमीन से जुड़े रहकर लोगों की सेवा की थी, लेकिन मौजूदा नेतृत्व में यह कमी दिखती है.
उनके शब्दों में:
“मुख्यमंत्री बनने की इच्छा किसके मन में नहीं होती? क्रिकेट खेल रहा है तो कप्तान बनने का मन करता है, स्कूल में पढ़ रहा है तो मॉनिटर बनने का मन करता है. ऐसे ही मेरे मन में भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है. जब तक हम मुख्यमंत्री नहीं बनते, तब तक पिताजी की तरह जनता की सेवा करना संभव नहीं होगा.”
“तेजस्वी इस लायक नहीं”
तेज प्रताप यादव ने इस बयान के साथ अपने छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि तेजस्वी इस काबिल नहीं हैं कि वे मुख्यमंत्री बनें. उनका आरोप है कि तेजस्वी असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे और गलत दिशा में जा रहे हैं.
“हम तेजस्वी जी के लिए कहते थे पर अब वो उस लाइन पर नहीं जा रहे हैं. उनका लाइन धीरे-धीरे भटक रहा है. वे मुख्य मुद्दों से दूर होकर राहुल गांधी जैसे नेताओं के साथ नौटंकी में समय बर्बाद कर रहे हैं.”
राहुल गांधी और विपक्ष पर वार
तेज प्रताप यादव ने न केवल तेजस्वी बल्कि राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि राहुल और तेजस्वी की जोड़ी सिर्फ नौटंकी कर रही है. इससे बिहार की असली समस्याएं पीछे छूट रही हैं.
यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मिलकर बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ जैसी बड़ी राजनीतिक गतिविधि शुरू की थी. तेज प्रताप का यह बयान उस रणनीति पर भी सवाल खड़ा करता है.
तेज प्रताप की राजनीतिक यात्रा
तेज प्रताप यादव की छवि अब तक ज्यादा विवादित बयानों और व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर चर्चा में रही है.
वे 2015 में पहली बार विधायक बने और मंत्री भी रहे.
लेकिन कई बार अजीबोगरीब बयान, धार्मिक और पौराणिक रूपकों के जरिए राजनीति करने के कारण वे मज़ाक का विषय बने.
इसके बावजूद, वे लगातार खुद को एक गंभीर नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश करते रहे हैं.
उनका यह बयान उनके राजनीतिक करियर की दिशा तय करने में अहम मोड़ साबित हो सकता है.
तेज प्रताप यादव का “मुख्यमंत्री बनने की इच्छा” वाला बयान न केवल उनके भविष्य की राजनीति की दिशा दिखाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि राजद परिवार में अंदरूनी मतभेद गहराते जा रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि तेजस्वी इस लायक नहीं हैं और राहुल गांधी के साथ मिलकर सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं.
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