– मोबाइल में बनाते रहे फोटो और वीडियो, सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के खट्टर चौक के समीप बीते शुक्रवार दोपहर दो बाइक की टक्कर में दो लोगों की हुई मौत और तीन लोग घायल मामले में सीसीटीवी फुटेज से जो तस्वीर सामने आयी है उसे देख मानवता शर्मशार हो रही है. गंभीर रूप से घायल सड़क पर तड़पते रहे. लेकिन घटना स्थल के समीप खड़े लोग उसे अस्पताल पहुंचाने के बजाय फोटो व वीडियों बनाते नजर आ रहे थे. किसी ने भी मृतक व जख्मी लोगों को अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई. जो समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है. घटना के 10 मिनट बाद स्थल पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने सड़क पर बिखरी क्षतिग्रस्त बाइक और अन्य सामानों को हटाकर यातायात पुनः बहाल किया. इस दौरान वहां मौजूद स्थानीय पत्रकारों ने भी पुलिस की सहायता की. घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने पर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं. अब लोगों के बीच यह चर्चा आम हो गई है कि यदि फोटो खींचने वाले लोग समय रहते मृतक अमृत कुमार और प्रदीप कुमार को अस्पताल पहुंचा देते तो शायद जान बच सकती थी. समाज के कुछ प्रबुद्धजनों ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की सहायता करना इंसानियत का तकाजा है लेकिन जब लोग संवेदनहीन होकर तमाशा देखने लगें, तो यह समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है. क्या है कानून वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा गुड समैरिटन कानून बनाया गया. जिसे वर्ष 2019 में भारतीय मोटर वाहन संशोधित अधिनियम में शामिल किया गया ताकि यह कानूनी रूप से अधिक प्रभावी हो सके. इसके तहत जो कोई भी सड़क दुर्घटना में पीड़ित की मदद करता है उसे पुलिस या अस्पताल द्वारा परेशान नहीं किया जाएगा. मदद करने वाला व्यक्ति चाहे तो गवाह बनने से इनकार भी कर सकता है अगर पुलिस को बयान लेना है तो यह केवल उनके स्वेच्छा और सुविधा के अनुसार ही संभव है. वहीं दूसरी ओर अस्पताल और डॉक्टर घायल व्यक्ति का इलाज करने से मना नहीं कर सकते और उनसे मदद करने वाले व्यक्ति से जबरन भुगतान भी नहीं मांग सकते हैं. लोगों को होना होगा जागरूक : थानाध्यक्ष मामले को लेकर थानाध्यक्ष रामसेवक रावत ने बताया कि हर नागरिक का संवैधानिक और इंसानियत कर्तव्य है कि अगर दुर्घटना में कोई जख्मी है ईलाज के लिए तड़प रहा है तो उसे सबसे पहले नजदीकी अस्पताल पहुंचाए न कि उसका फोटो वीडियो बनाने लगे. उन्होंने बताया कि बढ़ती सड़क दुर्घटना पर रोक को लेकर लोगों के बीच जायेंगे और आमलोगों को जागरूक करेंगे.
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