करजाईन. राघोपुर प्रखंड के हरिराहा वार्ड 09 में विनोद झा के आवास पर आयोजित श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ सम्पन्न हो गया. यज्ञ के अंतिम दिन विद्वतजनों ने वेदमंत्रोच्चार के बीच पूर्णाहुति दी. यज्ञ के अंतिम दिन कथावाचक आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने विवाह प्रसंग के महत्व पर अनेक रहस्य को बताते हुए कहा की विधिवत शास्त्रों के विधि से वैदिक विधान पूर्वक विवाह करने से ही गृहस्थ जीवन सुखमय और आनंद मय होता है. भगवान के विवाह की कथा के बाद उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को सुदामा जी की कथा, प्रेम, प्रसंग, भक्ति प्रसंग के बारे में भी बताया. जिसे उपस्थित श्रद्धालु सुनकर भाव विभोर हो गए एवं श्रद्धालुओं के आंख से आंसू निकलने लगे. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पथ और भक्ति मार्ग के सिद्ध पुरुष अगर कोई है तो संपूर्ण ब्रह्मांड के अंतर्गत सुदामा जी से बड़ा कोई नहीं हुआ है ना होगा. क्योंकि सुदामा जी ने यह साबित कर दिया यदि केवल ईश्वर का शरणागत होकर के ईश्वर का चिंतन और सुमिरन किया जाए तो समस्त प्रकार के भक्तों के मनोवांछित फल स्वतः प्राप्त हो जाते हैं . साथ ही ईश्वर की महिमा का वणर्न करते हुए कहा कि एकमात्र ईश्वर ही ऐसे हैं जो पूर्ण है. जीव सब कुछ रहने के बाद भी अपूर्ण ही रहता है. लेकिन जब वही जीवात्मा अपना अंतःकरण पूर्णब्रह्म परमात्मा में लगा देता है, तब वह ईश्वर ही उन जीव आत्माओं के सभी मनोरथ को पूर्ण करने के लिए इस मायारूपी संसार में अवतरित होते है, एंव भक्तों के मनोरथ को पूरा करते हैं. यज्ञ के सफल आयोजन में विनोद झा, रंभा देवी, अमरेंद्र झा, अरविंद झा, अमोल झा, रंगनाथ झा, विकास झा,पंकज झा सहित ग्रामीणों का सहयोग रहा.
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