– कोसी तटबंध के अंदर गांवों में नाव से जाकर कर्मी कर रहे सत्यापन कार्य सुपौल. आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत सुपौल जिले में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान युद्ध स्तर पर जारी है. चुनाव आयोग के निर्देश पर चलाए जा रहे इस महत्वपूर्ण अभियान में जिला प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ जुटा हुआ है. विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी बूथ स्तर पर सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं. इस अभियान को बूथ स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की नियुक्ति की बात कही गयी, लेकिन अब तक कई राजनीतिक दलों द्वारा बीएलए की नियुक्ति नहीं की गयी. इन एजेंटों की मदद से मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और सुधारने की प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यापक बनाया जा रहा है. डीएम सावन कुमार ने बताया कि एसआईआर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को लेकर लगभग पांच हजार कर्मी लगाये गये हैं. अब तक लगभग 50 हजार ऑन लाइन व ऑफ लाइन आवेदन प्राप्त हो चुका है. इसके लिए तेजी से कार्य कराये जा रहे हैं. कोसी तटबंध के अंदर भी पहुंच रही टीम, नाव पर हो रहा काम कोसी तटबंध के अंदर बसे इलाकों में भी मतदाता सत्यापन का कार्य जारी है. चिलचिलाती धूप और कठिन भूगोल के बावजूद बीएलओ, विकास मित्र, स्वच्छता पर्यवेक्षक सहित अन्य कर्मी नाव के सहारे घर-घर पहुंच कर सूची में सुधार कार्य कर रहे हैं. यह अभियान दर्शाता है कि प्रशासन इस बार मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए कितनी संजीदगी से प्रयासरत है. गहन पुनरीक्षण क्यों है जरूरी चुनाव आयोग के अनुसार तेजी से होते शहरीकरण, जनसंख्या में बदलाव, युवाओं के नए वोटर बनने, मृत्यु के बाद नाम न हटने और अवैध विदेशी प्रवासियों के नाम सूची में दर्ज होने जैसे मुद्दों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है. इस अभियान का उद्देश्य है कि सभी योग्य नागरिकों के नाम मतदाता सूची में हो. मृत या अयोग्य लोगों के नाम हटाए जाएं. अपात्र व्यक्ति वोटिंग अधिकार का प्रयोग न कर सके. नए योग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल किया जाए. क्या है प्रक्रिया बीएलओ दो प्रतियों वाले आंशिक रूप से भरे फॉर्म लेकर मतदाताओं के पास पहुंच रहे हैं. मतदाताओं को यह फॉर्म भरना है, जिसके बाद बीएलओ आवश्यक दस्तावेज लेकर उन्हें ईसीआई नेट मोबाइल एप पर अपलोड करेगा. मतदाता को फॉर्म भरने की रसीद भी प्रदान की जाएगी. चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया के दौरान बुजुर्गों, विकलांगों, बीमारों और अन्य कमजोर वर्गों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.
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