सुपौल नगर परिषद सुपौल के मुख्य पार्षद राघवेन्द्र झा ‘राघव’ ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बिहार सरकार की संपत्ति कर प्रोत्साहन योजना की विस्तृत जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 13 हजार परिवार निवास करते हैं, लेकिन इनमें से केवल 04 से 05 हजार परिवार ही नियमित रूप से हाउस होल्डिंग टैक्स का भुगतान करते हैं. मुख्य पार्षद झा ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य लंबित संपत्ति करों की वसूली को प्रोत्साहन के माध्यम से आसान बनाना है. योजना के तहत यदि कोई करदाता वित्तीय वर्ष 2025-26 अथवा उससे पूर्व का बकाया संपत्ति कर की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एकमुश्त जमा कर देता है, तो उसे 100 प्रतिशत ब्याज और शास्ति (जुर्माना) में छूट दी जाएगी. उन्होंने बताया कि यह लाभ उन करदाताओं को भी प्राप्त होगा जिनके मामले न्यायालय, न्यायाधिकरण या अन्य फोरम में लंबित हैं, बशर्ते वे अपने मामलों को वापस लेने का प्रमाण प्रस्तुत करें. मुख्य पार्षद झा ने आगे कहा कि जिन लोगों ने अब तक अपनी होल्डिंग का स्व-निर्धारण नहीं कराया है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. ऐसे मामलों में कर निर्धारण की तिथि विद्युत कनेक्शन या जीएसटी निबंधन की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी. कर भुगतान की सुविधा नगर निकाय कार्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), स्थायी और चलंत शिविरों के साथ-साथ ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध कराई गई है. श्री झा ने स्पष्ट किया कि यदि किसी करदाता द्वारा जानबूझकर गलत जानकारी दी जाती है, तो उसे दिए गए लाभ तुरंत वापस ले लिए जाएंगे और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं यदि किसी करदाता द्वारा अधिक भुगतान किया जाता है, तो वह राशि अगले वित्तीय वर्ष के कर में समायोजित कर दी जाएगी. मुख्य पार्षद ने नागरिकों से अपील की कि वे इस सरकारी प्रोत्साहन योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और नगर परिषद सुपौल के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें.
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