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पीएचसी में नौ पद है स्वीकृत, पांच डाक्टर हैं कार्यरत

प्रखंड बीस सूत्री की पहली बैठक में खाद आपूर्ति व बिजली कटौती का छाया रहा मुद्दा

प्रखंड बीस सूत्री की पहली बैठक में खाद आपूर्ति व बिजली कटौती का छाया रहा मुद्दा – सदन में स्वास्थ्य, पीएचईडी, बाल विकास, सहकारिता, मनरेगा, कृषि, पशुपालन सहित अन्य विभागों के कार्यों की हुई समीक्षा प्रतापगंज. प्रखंड कार्यालय स्थित सभागार में बुधवार को प्रखंड बीस सूत्री की पहली बैठक बीस सूत्री अध्यक्ष जय प्रकाश जया की अध्यक्षता में हुई. बैठक का शुभारंभ बीडीओ अमरेश कुमार मिश्रा के संबोधन से शुरू हुआ. बैठक में सभी विभाग के पदाधिकारी व बीस सूत्री कमेटी के लोग मौजूद थे. बैठक में आपूर्ति, स्वास्थ्य और बाजार के अतिक्रमण से उत्पन्न परेशानियों का मुद्दा छाया रहा. सबसे पहले आपूर्ति विभाग के एमओ ने अपने विभाग के कार्यों की जानकारी दी. समिति के वरीय सदस्य जवाहर यादव ने पूर्व में लाभुकों को मिलने वाली सामग्री अब आधार से न जुड़ने पर खाद्यान्न न मिलने का मामला उठाया. एमओ ने बताया कि अब राशन कार्ड दो प्रकार से बनते हैं. उसमें जो पात्रता के होते हैं उनका कार्ड बनता है. बताया कि कार्ड में चिन्हित पारिवारिक संख्या के आधार पर राशन कार्ड दिया जाता है. उन्होंने राशन कार्ड वितरण का भी समय की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आधार में तकनीकी गड़बड़ी होने पर भी राशन कार्ड नहीं बन पाता है. बताया कि 2011 के जनगणना पर आधारित है आधार कार्ड. आधार कार्ड में नाम सही होना जरूरी है. ललन मंडल ने शिकायत की कि डीलर आपूर्ति की जाने वाली सामग्री कटौती कर लाभुकों को देते हैं. एमओ ने बताया कि ऐसी बात उनके संज्ञान में नहीं आई है. अगर ऐसी शिकायत है तो इसकी जांच की जाएगी. बिजली विभाग के जेई ने बताया कि वर्तमान में मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना में किसान सिंचाई के लिए कनेक्शन ले सकते हैं. ललन मंडल, मोहन मंडल ने संध्या में बिजली काटने का मुद्दा उठाया. जबकि उसी समय बच्चों की पढ़ाई और महिलाओं को घर का काम करने का पीक समय रहता है. जेई ने बताया कि किसी विशेष परिस्थिति में ही भवानीपुर फीडर की बिजली काटी जाती है. उन्होंने बताया कि आपकी इस समस्या के समाधान के लिए भवानीपुर पंचायत में ही एक नये पीएसएस निर्माण के लिए विभाग कार्य कर रही है. इसके बन जाने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा. स्वास्थ्य विभाग से आये चिकित्सक डॉ ललित कुमार ने चिकित्सकों की कमी होने से परेशानी की बात कही. उन्होंने बताया कि पीएचसी में महज पांच डाक्टर ही पदस्थापित हैं. जबकि 09 चिकित्सकों का पद स्वीकृत है. सदस्यों ने एएनएम सोनी राज और रौशनी कुमारी की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया. इस बाबत सदस्य ललित भगत ने बताया कि पीएचसी कुव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है. स्वास्थ्य कर्मी अपनी मनमर्जी से आना जाना करते हैं. उन्होंने बताया कि दो एएनएम बराबर अपने ड्यूटी से नदारत रहती है. फिर उसकी प्रतिदिन की हाजिरी कैसे बन जाती है. आउट सोर्सिंग का बुरा हाल है. कुछ स्वास्थ्य कर्मी मकान किराया लेने के बावजूद पीएचसी को अपना आशियाना बनाये हुए हैं. कुव्यवस्था का आलम यह है कि डिलीवरी कराने आने वाली गर्भवती माताओं के परिजनों से अवैध वसूली की जाती है. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को देखे बिना रेफर करना या फिर अवैध रूप से पीएचसी के आस पास चल रहे नर्सिंग होम में रेफर कर दिया जाता है. पीएचसी परिसर का सीमांकन न होने से जमीन भी अतिक्रमण के चपेट में है. सदस्य मनोज वर्मा ने आरोप लगाया कि बगैर डाक्टर के सलाह बिना ही आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड करा पैसा ठगने का भी धंधा चल रहा है. डॉ ललित कुमार ने बताया की इसकी जांच करवाई जायेगी. प्रभारी सीडीपीओ ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में कुल 118 आंगनबाड़ी है. जिसमें 117 कार्यरत हैं. सदस्य ललित भगत ने केंद्र पर मीनू के अनुकूल बच्चों को खाना नहीं मिलने का आरोप लगाया. बताया कि एक अंडे को चार भाग कर बच्चों को परोसा जा रहा है. सीडीपीओ ने बताया कि यह बात उनके संज्ञान में आयी है. इसकी जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि केंन्द्र पर बच्चों की उपस्थिति करवाने में सदस्यों के सहयोग की अपेक्षा है. अंचल कार्यों की जानकारी देते हुए सीओ आशु रंजन ने बताया कि अंचल में अब सभी कार्य ऑन लाइन हो रहा है. बताया कि वर्ष 2023 में अंचल की स्थिति ठीक नहीं थी. मूल जमाबंदी में ऑफ लाइन कार्य होने से जमाबंदी में गड़बड़ी की गई थी. जिसे आन लाइन होने पर सुधारा गया है. जिसे आप भू पोर्टल पर देख सकते हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में अंचल कार्यालय में महज 80 जमाबंदी कार्य पेंडिंग है. लगान की रसीद को भी अपडेट कर दिया गया है. सदस्यों ने बाजार में अतिक्रमण किये जाने का मामला उठाया. सीओ ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर माईकिंग करवाकर अतिक्रमण हटाने को कहा जाएगा. उसके बाद भी न हटा तो नोटिस दी जाएगी. फिर भी अतिक्रमणकारियों द्वारा बाजार को अतिक्रमण मुक्त न किया गया तो प्रशासन सड़कों पर उतर कर सख्त कार्रवाई करेगी. बैठक में सहकारिता, कृषि, पशुपालन, मनरेगा, पीएचईडी, सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों ने भी अपने विभागों के कार्यों की जानकारी सदन में रखी.

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