सुपौल. डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम के तहत जिले में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के लिए एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों को पीएसआई इंडिया, उसके चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों व डीएसडीएन कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी गई. चर्चा का मुख्य फोकस डीएसडीएन कार्यक्रम में केमिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका पर रहा. बताया गया कि वे समुदाय और स्वास्थ्य प्रणाली के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. केमिस्टों को बच्चों में डायरिया के उपचार के लिए देखभालकर्ताओं का पहला संपर्क बिंदु बताया गया. जिससे ओआरएस और जिंक के सही उपयोग व समय पर रेफरल को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका अत्यंत आवश्यक है. डीएसडीएन कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक की गई गतिविधियों को विस्तार से साझा किया गया. जिनमें सामुदायिक जागरूकता गतिविधियां, निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय व डायरिया की रोकथाम और प्रबंधन से संबंधित प्रयास शामिल थे. इसके साथ ही कार्यक्रम के आईईसी घटक पर भी चर्चा की गई. जिसमें व्यवहार परिवर्तन संचार और जागरूकता सृजन में इसकी भूमिका पर जोर दिया गया. कार्यक्रम का समापन केमिस्ट एसोसिएशन और पीएसआई इंडिया के बीच सहयोग को और सुदृढ़ करने की सहमति के साथ हुआ, ताकि समुदाय तक प्रभावी पहुंच बनाई जा सके. जिले में डायरिया के केसों को कम किया जा सके. कार्यक्रम में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक यादव, सेक्रेटरी चंद्र कांत झा, पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर प्रदीप कुमार सिंहा और फील्ड प्रोग्राम कॉर्डिनेटर सतीश कुमार आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

