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रसायनिक खाद के उपयोग से बीमार हो रहे लोग : बीएओ

खरीफ महाअभियान 2025 के तहत प्रखंड स्तरीय कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम

– खरीफ महाअभियान 2025 के तहत प्रखंड स्तरीय कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम छातापुर. खरीफ महाअभियान 2025 के तहत प्रखंड स्तरीय कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ई किसान भवन में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख आशिया देवी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. परियोजना निदेशक आत्मा के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में बीएओ सुधाकर पांडेय, आत्मा अध्यक्ष जयशंकर पांडेय, प्रमुख प्रतिनिधि अजय कुमार सरदार के अलावे कृषि समन्वयक व सलाहकार सहित इलाके के प्रगतिशील किसान शामिल हुए. कार्यक्रम में विभिन्न तरह के धान बीज, ढैंचा, वर्मी कंपोस्ट, जैविक खाद, कृषि यांत्रिकीकरण सहित विभिन्न योजना के अलावे कई नई योजनाओं की जानकारी दी गई. वहीं खेती करने की तकनीक, लाभकारी एवं अनुदान से जुडे़ योजनाओं से किसानों को अवगत कराया गया. इस मौके पर बीएओ श्री पांडेय ने बताया कि खेती में रसायनिक उर्वरक का ज्यादा प्रयोग हो रहा है जो कि चिंता का विषय है. रसायनिक खाद के उपयोग से आने वाले समय में मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाएगी. जिला और राज्य स्तर पर विभाग एवं सरकार सभी चिंतित हैं. बताया कि हरित क्रांति अभियान के समय से रसायनिक खाद का उपयोग बढ़ा है. इससे पहले के जमाने में प्राकृतिक खेती हुआ करती थी और किसान फसल में यूरिया डालने से भी परहेज करते थे. रसायनिक खाद के कारण किसी भी आयुवर्ग के आमलोग डायबिटीज, हृदय रोग, पेट की समस्या, गैस इत्यादि रोग से ग्रसित हो रहे हैं. उन्होंने विकल्प के तौर पर ढैंचा बीच का प्रयोग तथा जैविक खाद का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया. वर्मी कंपोस्ट व जैविक खाद बनाने एवं उसके प्रयोग के लिए सरकार योजना के माध्यम से प्रोत्साहित कर अनुदान भी दे रही है. बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र राघोपुर के चार कृषि वैज्ञानिक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार से सभी पंचायतों में बैठक एवं भ्रमण कर किसानों की समस्या का समाधान करेंगे. बताया कि प्रखंड क्षेत्र के 880 ऐसे किसान हैं जिन्हें पीएम सम्मान निधि से प्राप्त राशि को हरहाल में वापस करना ही होगा. ऐसे किसानों में पति पत्नी, पिता पुत्र या सरकारी सेवा से जुडे़ लोग शामिल हैं. बताया कि राजस्व कर्मचारी के हड़ताल पर रहने के कारण कृषि योजनाओं का लाभ देने में समस्या हो रही है. उन्होनें सभी सलाहकार को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी किसानों को जोड़ने व समय समय पर विभाग की योजना, कार्यक्रम व अभियान की जानकारी देने का निर्देश दिया. समन्वयक महात्मान ने बताया कि केंद्र से पहली बार कृषि वैज्ञानिकों का दल प्रखंड क्षेत्र में आ रहे हैं. जो कि पंचायत वार इलाके में भ्रमण कर खेती की नई तकनीक, कृषि समस्याओं का अध्ययन कर उसका समाधान बताएंगे. बताया कि कोई भी किसान अनुदानित दर पर कृषि यांत्रिकीकरण योजना का लाभ ले सकते हैं. 80 प्रकार का यंत्र उपलब्ध है और सरकार कुछ उपकरण पर 80 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है, 20 हजार से अधिक मूल्य वाले यंत्र में एलपीसी एवं आरक्षित वर्ग को जाति प्रमाणपत्र बनाकर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा. बताया कि सरकार थ्रेसिंग फ्लोर (चबूतरा) निर्माण पर अनुदान देगी. लागत राशि का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इसके लिए 600 स्क्वायर फीट का चबूतरा बनाना होगा. समन्वयक नवीन कुमार मंडल ने सभी किसानों से अपने मोबाइल में बिहार कृषि एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करने तथा उसे किसान पंजीकरण से जोडने का अनुरोध किया. एप के माध्यम से बारिश, मौसम के अलावे कृषि से जुडे सभी जानकारी मिलती रहेगी. यह भी बताया कि ई किसान भवन में मिट्टी जांच प्रयोगशाला इसी वित्तीय वर्ष में संचालित हो जायेगा, कार्यक्रम में सलाहकार प्रदीप मेहता द्वारा वर्मी कंपोस्ट, जैविक खाद का निर्माण तथा खेती में उसके प्रयोग से होने वाले फायदे को विस्तारपूर्वक बताया गया. बैठक में कृषि समन्वयक ज्ञानशंकर सिंह, चितरंजन कुमार, नित्यानंद महात्मान, अशोक कुमार चौरसिया, सुमन कुमारी, नवीन कुमार मंडल, एटीएम नरेंद्र कुमार, मनोज वर्मा, मां भवानी फर्टिलाइजर के पंकज कुमार भगत, सलाहकार शोभा कुमारी, नीरज कुमार, जीविका कर्मी पूनम कुमारी आदि मौजूद थे.

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