– एसएसबी ट्रेनिंग सेंटर सुपौल में दीक्षांत समारोह, 38 जवान पासआउट – 12 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा, 6 राज्यों से आए 27 पुरूष व 11 महिलाएं देश की सेवा को तैयार सरायगढ़. रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र आसनपुर कुपहा में गुरुवार को आयोजित दीक्षांत परेड समारोह में प्रथम प्लाटून कमांडर कंडेंस कोर्स के 38 नव प्रशिक्षकों ने 12 सप्ताह के कठिन परिश्रम के उपरांत प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण किया. इस स्वर्णिम अवसर पर प्रशिक्षु प्रशिक्षण केंद्र सुपौल में उप महानिरीक्षक संजय कुमार शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. वहीं परेड समारोह में द्वितीय कमान अधिकारी माधवचंद्र घोष के द्वारा उनका स्वागत किया गया. दीक्षांत परेड के अवसर पर एक नव उप निरीक्षक, 37 नव सहायक उप निरीक्षकों ने देश की सेवा में अपने योगदान देने को लेकर शपथ ली. प्रशिक्षण के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने को लेकर प्रशिक्षुओ को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया. जिसमें बेस्ट इंडोर सहायक उप निरीक्षक अंशुलिपिक प्रियंका, बेस्ट इन आउटडोर सहायक उप निरीक्षक अभिमन्यु, बेस्ट फायर सहायक उप निरीक्षक हंसराज सैनी, बेस्ट इन स्पोर्ट्स सहायक उप निरीक्षक योगेश कुमार, स्पेशल टैलेंट सहायक उप निरीक्षक रेडियोग्राफर प्रियंका हलदर को मुख्य अतिथि उपमहानिरीक्षक निरीक्षक संजय कुमार शर्मा के हाथों शील्ड और प्रमाण पत्र देकर पुरस्कार प्रदान किया गया. यूपी के सबसे अधिक से प्रशिक्षु उत्तर प्रदेश से 21, बिहार से 4, राजस्थान से 5, मध्य प्रदेश से 3, हरियाणा से 2, दिल्ली से 2,उत्तराखंड से एक कुल 38 नव प्रशिक्षु शामिल थे. जिसमें 36 सहायक उप निरीक्षक आशुलिपिक, एक सहायक उप निरीक्षक रेडियोग्राफर, एक उप निरीक्षक पियोनिएयर शामिल थे. उप महानिरीक्षक श्री शर्मा ने बताया कि देश के सीमावर्ती क्षेत्र नेपाल, भूटान सहित अन्य राज्यों के सीमा क्षेत्र में जाकर काम करेंगे. दीक्षांत परेड समारोह के गरिमाई प्रदर्शन को सफल बनाने में उप महानिरीक्षक संजय कुमार शर्मा, उप कमांडेंट प्रभाकर कुमार वैध, कोर्स अधिकारी सहायक कमांडेंट अंसल श्रीवास्तव, कोर्स काउंसलर एवं कोर्स के सभी प्रशिक्षक और प्रथम प्लाटून कमांडर कंडेंस कोर्स के महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दीक्षांत समारोह के मौके पर रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. एसएसबी के फ्रंटियर्स के अनुसार प्रशिक्षुओं में गुवाहाटी और तेजपुर फ्रंटियर से 6-6, सिलीगुड़ी से 10, पटना से 11, लखनऊ से 3 और रानीखेत फ्रंटियर से 2 प्रशिक्षु हैं. 12 सप्ताह की इस गहन प्रशिक्षण अवधि में उन्हें शारीरिक दक्षता, ड्रिल, हथियार संचालन, फील्ड इंजीनियरिंग, फील्ड क्राफ्ट, बॉर्डर मैनेजमेंट, कानून, जंगल व गुरिल्ला युद्ध, आईईडी निष्क्रिय करना तथा मैप रीडिंग जैसे विषयों में प्रशिक्षित किया गया. साथ ही जेंडर सेंसिटाइजेशन और व्यक्तित्व विकास की ट्रेनिंग ने उन्हें एक बेहतर और संवेदनशील सुरक्षाकर्मी के रूप में तैयार किया. आधुनिक हथियार चलाने का मिला ट्रेनिंग प्रशिक्षुओं को आधुनिक हथियार जैसे 5.56 एमएम आईएनएसएएस, आईएनएसएएस एलएमजी, एके 47, एआर 41, पिस्टल, एसएमजी, हैंड ग्रेनेड और 51 एमएम मोर्टार के संचालन में भी दक्ष बनाया गया. उन्हें साइबर सुरक्षा और आईजीओटी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से भी जोड़ा गया. जिससे वे तकनीकी रूप से भी सशक्त बन सकें. प्रशिक्षण के साथ-साथ खेलकूद, क्विज़, क्लब गतिविधियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम व विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी प्रशिक्षुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अनेक पुरस्कार भी अर्जित किए. प्रशिक्षण के अतिरिक्त प्रशिक्षुओं ने स्वच्छता अभियान, पौधरोपण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सक्रिय भूमिका निभाई. जो इनके सहयोग की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है. समारोह के अंत में प्रशिक्षण अधिकारी ने सभी प्रशिक्षकों, अधिकारियों, सहयोगी स्टाफ और अभिभावकों को धन्यवाद देते हुए प्रशिक्षुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की. कहा कि यह केवल दीक्षांत नहीं, बल्कि संकल्प का अवसर है. एक जिम्मेदार, अनुशासित और संवेदनशील बलकर्मी बनने का. इस दौरान 04 प्रशिक्षुओं को डीआईजी के द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया. गर्व, सम्मान और संकल्प का अवसर है दीक्षांत समारोह: डीआईजी डीआईजी संजय कुमार शर्मा ने कहा कि यह केवल एक पाठ्यक्रम की समाप्ति नहीं, बल्कि प्रशिक्षुओं के जीवन का ऐसा मोड़ है, जहां से वे राष्ट्र सेवा के नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहे हैं. यह अवसर गर्व, सम्मान और संकल्प का है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 20 जनवरी 2024 को प्रारंभ हुआ था और 12 सप्ताह की कठोर प्रशिक्षण यात्रा के बाद आज अपने मुकाम पर पहुंचा है. इस कोर्स में कुल 38 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिनमें 27 पुरुष और 11 महिलाएं थीं. ये प्रशिक्षु देश के 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित हुए हैं. जो एसएसबी की अखिल भारतीय भावना और राष्ट्रीय समावेशिता का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. डीआईजी ने यह भी बताया कि आरटीसी सुपौल को हाल ही में भारत सरकार की कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन द्वारा “अति उत्तम श्रेणी ” में आंका गया है, जो इस संस्थान की उत्कृष्टता, गुणवत्ता और निरंतर विकास को दर्शाता है. वर्ष 2019 में स्थापित यह केंद्र अब सीमित संसाधनों में भी पूर्ण प्रशिक्षण संस्थान के रूप में उभर रहा है.
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