सुपौल. सुपौल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में ग्रीन टेक्नोलॉजी स्मार्ट ग्रिड, ईवी एंड रिन्यूएबल एनर्जी विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन रविवार को सफलतापूर्वक हुआ. यह कार्यक्रम बिहार काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सौजन्य से विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित किया गया था. अंतिम दिन के तकनीकी सत्र में देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से विशेषज्ञ शामिल हुए. इनमें डॉ मौमी पंडित (सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), माधव कुमार (एनआईटी, मेघालय) और डॉ सत्यव्रत कुमार प्रिंस (तेजपुर यूनिवर्सिटी, असम) प्रमुख रहे. विशेषज्ञों ने हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, डीसी माइक्रो ग्रिड और कंट्रोल सिस्टम जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन उभरती तकनीकों का उपयोग भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास में अहम भूमिका निभाएगा. सुपौल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राध्यापक डॉ चंदन कुमार और मो वारिस सेनान ने भी एनर्जी हार्वेस्टिंग डिवाइस और रिन्यूएबल एनर्जी से संबंधित तकनीकी प्रस्तुतियां दी. समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए. इस अवसर पर कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ राजा गांधी ने किया, जबकि विद्युत विभाग के शिक्षक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और स्मार्ट ग्रिड तकनीकी आने वाले समय में न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि देश को हरित और सतत विकास की राह पर अग्रसर करेंगी.
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