सुपौल जिले में बीते कुछ दिनों से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. स्थिति यह है कि दिन हो या रात, मच्छरों के हमलों से आमजन त्रस्त हैं. खासकर शहरी क्षेत्रों में मच्छरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है, जिससे लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है. शाम होते ही मच्छरों की ऐसी भरमार हो जाती है कि लोग घरों के बाहर या छतों पर बैठने से कतराने लगे हैं. घरों के भीतर भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं है. लोग मच्छर भगाने के लिए क्वायल, लिक्विड और अन्य उपायों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन राहत नाकाफी साबित हो रही है. नगर परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में फॉगिंग और कीटनाशक दवा का छिड़काव नियमित रूप से किया जा रहा है. नगर परिषद के पास है चार फॉगिंग मशीन परिषद के पास 04 फॉगिंग मशीनें, 02 जेटिंग मशीनें और 03 पोर्टेबल मशीनें उपलब्ध हैं, जिनसे 28 वार्डों में फॉगिंग और जलजमाव वाले क्षेत्रों में छिड़काव किया जा रहा है. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से लोग नाराज हैं. मच्छरों से बचाव के लिए सरकार द्वारा विभाग को डीडीटी और ब्लीचिंग पाउडर जैसी सामग्रियों का आवंटन किया गया है, लेकिन इनका उपयोग कब और कहां किया जा रहा है, इसकी पारदर्शी जानकारी उपलब्ध नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि विभागीय कार्रवाई केवल कागजों पर सीमित है, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. नालों की सफाई के बाद उसका कचरा कई दिनों तक सड़क किनारे खुला पड़ा रहता है, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बना रहता है. जलजमाव वाले स्थान मच्छरों के प्रजनन के लिए है उपयुक्त जानकारों के अनुसार, गंदगी और जलजमाव वाले स्थान मच्छरों के प्रजनन के लिए उपयुक्त होते हैं. ऐसे में समय पर सफाई और कीटनाशक दवाओं का प्रभावी छिड़काव न किया जाए तो मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. जिले में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोगों के फैलने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद को समन्वय के साथ अधिक सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है. साथ ही, आम नागरिकों को भी अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखने और पानी के जमाव को रोकने के लिए जागरूक होना होगा. नियमित रूप से किया जा रहा छिड़काव : मुख्य पार्षद मुख्य पार्षद राघवेन्द्र झा राघव ने कहा कि मच्छरों के बढ़ते प्रकोपक देखते हुए सभी वार्डों में नियमित रूप से फॉगिंग कराया जा रहा है. साथ ही जहां भी जल जमाव होने की संभावना है वहां पर छिड़काव भी कराया जा रहा है. कहां की बरसात पूर्व नाला की सफाई भी पूर्ण कर लिया जाएगा. ताकि बारिश के समय जल जमाव की समस्या उत्पन्न न हो. अप्रैल माह में ग्रामीण क्षेत्रों में कराया गया था छिड़काव प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोपाल कुमार ने बताया कि अप्रैल माह में ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर से बचाव को लेकर छिड़काव किया गया है. आगे विभाग से निर्देश मिलने के बाद पुन: ग्रामीण क्षेत्रों में छिड़काव कराया जायेगा. कहा कि मच्छरों से बचाव के लिए आस-पास के क्षेत्रों को साफ रखना चाहिए. सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करना चाहिए.
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