वीरपुर. नगर क्षेत्र की प्रमुख पहचान गोल चौक स्थित मिनी पार्क का 60 लाख रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कार्य कुछ ही दिन पूर्व पूरा हुआ था. नगर पंचायत के मुख्य पार्षद सुशील कुमार एवं कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) मयंक कुमार ने इसका उद्घाटन बड़ी धूमधाम से किया था, जिससे नगरवासियों में काफी उत्साह देखा गया, लेकिन उद्घाटन के महज 10-12 दिन के भीतर ही पार्क को आम लोगों के लिए बंद कर दिए जाने से नगरवासियों में आक्रोश व्याप्त है. लोग पूछ रहे हैं कि जब आम जनता के प्रवेश के लिए ही पार्क नहीं खुलेगा, तो आखिर इतनी बड़ी राशि खर्च कर इसका निर्माण क्यों कराया गया? स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शुरुआती दिनों में पार्क की आकर्षक रूप-सज्जा ने लोगों को काफी प्रभावित किया था. लेकिन अब यह आम लोगों के लिए प्रवेश वर्जित क्षेत्र बन चुका है. कई लोगों ने आरोप लगाया कि नगर प्रशासन ने अपनी सुविधा और स्वार्थ के लिए इस पार्क का निर्माण कराया है, जबकि अब इसकी देखभाल की जिम्मेदारी से बचने के लिए जनता पर शुल्क थोपने की तैयारी कर रहा है. अस्थायी रूप से शाम के समय किया गया है बंद : ईओ इस विवाद पर कार्यपालक पदाधिकारी मयंक कुमार ने स्पष्ट किया कि पार्क को अस्थायी रूप से शाम के समय बंद किया गया है. उन्होंने कहा, पार्क को आम जनता के लिए खोलने के बाद कुछ लोगों ने इसमें तोड़फोड़ की और पौधों व दीवारों को नुकसान पहुंचाया, जिससे नगर पंचायत को राजस्व की हानि हुई है. नगर की संपत्ति की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है. ईओ ने बताया कि जल्द ही पार्क को पुनः आम जनता के लिए खोला जाएगा, लेकिन इसके लिए 10 रुपये का प्रवेश शुल्क निर्धारित किया जाएगा. यह प्रस्ताव सामान्य बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा. शुल्क से दो सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी जिससे पार्क की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी. निगाहें अब बोर्ड की बैठक पर टिकी अब सभी की नजरें नगर पंचायत की आगामी बोर्ड बैठक पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि पार्क को पुनः खोला जाएगा या शुल्क नीति लागू की जाएगी. फिलहाल यह मुद्दा जनहित और प्रशासनिक निर्णय के बीच संतुलन कायम करने की चुनौती बन चुका है.
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