– कोसी नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज होने के बाद भी परेशानी नहीं हुई कम – तटबंध के अंदर से लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर लिए शरण सरायगढ़ कोसी नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज होने के बाद भी तटबंध के अंदर बसे लोगों को राहत नहीं मिली है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर पांच पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. इसमें मुख्य रूप से ढोली और बनैनिया पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित है, जबकि लौकहा, सरायगढ़ और भपटियाही पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित है. पूर्वी और पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच दर्जनों गांव में लोगों के घर-आंगन में तीन से चार फीट तक पानी फैल गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है. तटबंध के अंदर से लोग पलायन करके पूर्वी कोसी तटबंध सहित ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. लोगों को अपने जानमाल के साथ-साथ पशुओं के भोजन की भी गंभीर समस्या हो गई है. पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर लौकहा, बहुअरवा, कवियाही, करहरी, बैसा, तकिया, उग्रीपट्टी, ढोली, सियानी, कटैया, भुलिया, गोरीपट्टी, गिरधारी, बनैनिया, बलथरवा, औरही, सनपतहा सहित अन्य गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घर आंगन में तीन से चार फीट तक फैल गया है. लोगों का कहना है कि घर-आंगन में अचानक पानी फैलने के कारण खाने-पीने के सामान भी बर्बाद हो गए. उधर, ढोली पंचायत के मुखिया सरस्वती देवी, लौकहा पंचायत की मुखिया महारानी देवी, भपटियाही पंचायत के मुखिया विजय कुमार यादव, बनैनिया पंचायत के मुखिया श्याम यादव, सरायगढ़ पंचायत की मुखिया प्रमिला देवी सहित अन्य पंचायत जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए जहां-तहां शरण लिए विस्थापित परिवारों को सूखा राशन, पॉलीथिन और मुआवजा दिलाने की मांग की है. उधर, सीओ धीरज कुमार ने बताया कि पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए कुल 30 नाव की व्यवस्था विभिन्न घाटों पर की गई है. तटबंध के अंदर फिलहाल कोई खतरा नहीं है. कहा कुल आठ सामुदायिक किचेन पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर और बाहर चलाए जा रहे हैं. इसमें बाढ़ से प्रभावित परिवारों को दो समय का खाना दिया जा रहा है.
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