– तटबंधों की निगरानी में जुटे अभियंता – 44 अतिसंवेदनशील स्थलों पर विशेष सतर्कता वीरपुर. कोसी नदी में हर वर्ष की तरह इस बार भी 01 जून से आधिकारिक रूप से बाढ़ अवधि की शुरुआत कर दी गई है. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में प्री-मानसून बारिश की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर यह अवधि तय की जाती है. रविवार से शुरू हुई इस बाढ़ अवधि को लेकर बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी विभाग के अभियंता पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं और लगातार तटबंधों की निगरानी की जा रही है. बाढ़ नियंत्रण एवं जल निष्कासन विभाग के चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि इस वर्ष बाढ़ अवधि के दौरान 44 अतिसंवेदनशील और 140 संवेदनशील स्थलों की पहचान की गई है. इन स्थानों पर तीन पालियों में निगरानी व्यवस्था के तहत तैनात तटबंध सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ कनीय अभियंता भी मुस्तैद रहेंगे. चीफ इंजीनियर ने बताया अतिसंवेदनशील स्थलों पर लाइटिंग की समुचित व्यवस्था, तटबंध नियंत्रण कक्ष की तीन शिफ्ट में संचालन, और रिस्क श्रेणी एवं सुपर सेंसेटिव जोन का निर्धारण किया गया है. इससे बाढ़ के समय प्रभावी रूप से स्थिति नियंत्रित की जा सकेगी. मंत्री और प्रधान सचिव के निर्देश पर चल रहा निरीक्षण कोसी नदी के तटबंधों और स्परों की सुरक्षा को लेकर विभागीय मंत्री और प्रधान सचिव के निर्देशानुसार जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक की टीम इस समय मैदान में डटी हुई है. अगले एक सप्ताह तक अभियंताओं की टीम तटबंधों और स्परों का निरीक्षण करेगी और उसकी स्थिति की रिपोर्ट गूगल मैप आधारित ऐप के जरिए विभाग को भेजी जा रही है. तटबंधों की मरम्मत पर विशेष जोर 01 जून से 15 जून तक पूरे क्षेत्र में तटबंधों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण का कार्य तेजी से चलाया जाएगा. सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर जेई और एई की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है. चीफ इंजीनियर ने जनता को आश्वस्त करते हुए कहा सरकार की ओर से बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, और अभियंता किसी भी समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे तत्पर रहेंगे. इस बार बाढ़ प्रबंधन को लेकर सरकार पूरी तरह सजग है, लिहाजा घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
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