– बिना एनओसी के वन विभाग ने नदी में किया पौधरोपण – छोड़े हुए स्थलों पर चैनेलाइजेशन कार्य कराने व नया प्राक्कलन बनाने का डीएम ने दिया आदेश छातापुर. सुरसर नदी में चल रहे चैनेलाइजेशन कार्य का शनिवार को जिलाधिकारी सावन कुमार ने जायजा लिया. इस दौरान जल निस्सरन विभाग कार्य प्रमंडल राघोपुर के अभियंताओं की टीम भी डीएम के साथ थी. सुरसर नदी के भट्टावारी, हसनपुर सहित कई प्वाइंट पर पहुंचे डीएम ने चैनेलाइजेशन कार्य के गुणवत्ता की जांच कर अभियंताओं से आवश्यक जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने सुरसर नदी की भौगोलिक स्थिति को देखा और नदी जल के श्रोतों से अवगत हुए. इस क्रम में मौजूद ग्रामीणों ने चैनेलाइजेशन कार्य कई प्वाइंट पर नहीं कराये जाने की शिकायत की. बताया कि नदी के अंदर मध्य भाग में वन विभाग के द्वारा कुछ जगह पौधारोपण कर दिया गया है. पौधारोपण को कारण बताते नदी के उक्त हिस्से को प्राक्कलन में नहीं लिया गया. जैसा कि विभागीय अभियंताओं ने उनलोगों को बताया है. डीएम ने मौके पर मौजूद अभियंताओं से इस संदर्भ में पूछताछ की और नाराजगी जताते वन विभाग पर जमकर विफरे. डीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि वन विभाग बिना एनओसी लिए नदी के बीच पौधारोपण कैसे कर सकता है. यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए था. उन्होंने नदी में छोडे़ गये स्थलों पर भी चैनेलाइजेशन कार्य कराने तथा उसे जोड़ने हेतु नया प्राक्कलन बनाने का निर्देश दिया. डीएम ने बताया कि नदी किनारे की बस्ती एवं निजी जमीन को बचाने के लिए ग्रामीणों की मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान चैनेलाइजेशन कार्य की घोषणा की गई थी. दो से तीन महीने के अंदर अधिकांश भाग में चैनेलाइजेशन कार्य को पूरा कर लिया गया है. बताया कि वन विभाग द्वारा नदी के अंदर कुछ हिस्से में पौधारोपण कर दिया गया. प्रयास रहेगा कि वहां भी चैनेलाइजेशन कार्य करवाकर उसे कंप्लीट रूप से जोड़ दिया जाए. बताया कि ग्रामीणों ने सुरसर नदी में भट्टावारी गांव स्थित धोबी घाट पर पुल निर्माण की आवश्यकता जताई है. पुल निर्माण के लिए वे विभाग से अनुरोध करेंगे.
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