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परिसीमन सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि बिहार के आत्म-सम्मान व भविष्य की है लड़ाई : लोकेश

दक्षिण भारतीय राज्यों द्वारा आबादी आधारित परिसीमन के विरोध का भी उल्लेख किया

– संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार विषय पर आरएलएम ने की प्रेसवार्ता सुपौल जिला मुख्यालय स्थित अतिथि गृह में सोमवार को राष्ट्रीय लोक मोर्चा द्वारा संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार विषय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान पार्टी के प्रदेश महासचिव लोकेश रंजन सिंह ने परिसीमन प्रक्रिया की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वर्तमान स्थिति और बिहार के साथ हुए अन्याय पर विस्तार से प्रकाश डाला. लोकेश रंजन सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत प्रत्येक जनगणना के बाद परिसीमन आयोग का गठन कर लोकसभा सीटों का पुनर्निर्धारण किया जाना चाहिए, वहीं अनुच्छेद 170 राज्यों की विधानसभा सीटों के निर्धारण का अधिकार देता है. देश में अब तक 1951, 1961 और 1971 की जनसंख्या के आधार पर ही लोकसभा की सीटों का निर्धारण किया गया है. बताया कि 1976 में आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 42वें संविधान संशोधन के तहत परिसीमन को 25 वर्षों के लिए स्थगित कर दिया था, जिसे बाद में 25 वर्षों के लिए और बढ़ा दिया गया. यह अवधि अब 2026 में समाप्त हो रही है. अगर 1976 में परिसीमन को स्थगित नहीं किया गया होता, तो आज बिहार को 40 की जगह लगभग 60 लोकसभा सीटें प्राप्त होती. उन्होंने दक्षिण भारतीय राज्यों द्वारा आबादी आधारित परिसीमन के विरोध का भी उल्लेख किया और इसे उत्तर भारत के राज्यों के साथ घोर अन्याय बताया. कहा कि 2026 में प्रस्तावित परिसीमन के लिए राष्ट्रीय लोक मोर्चा व्यापक रणनीति बनाने की दिशा में काम कर रही है ताकि बिहार और उत्तर भारत के राज्यों को उनकी वास्तविक जनसंख्या के आधार पर राजनीतिक भागीदारी मिल सके. लोकेश रंजन सिंह ने कहा कि परिसीमन न होने से अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या भी प्रभावित होती है, जिससे सामाजिक न्याय के साथ भी अन्याय होता है. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों की अवहेलना करार दिया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में इस मुद्दे को जनआंदोलन में तब्दील करने की घोषणा की गई है. इसके तहत आगामी 25 मई को रोहतास जिले के विक्रमगंज और 08 जून को मुजफ्फरपुर में संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली का आयोजन किया जाएगा. प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बिहार की जनता से अपील करते हुए कहा, यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि बिहार के आत्म-सम्मान और भविष्य की लड़ाई है. हमारी पार्टी हर घर तक इस संदेश को लेकर जाएगी. राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार समेत उत्तर भारत के सभी राज्यों को उनके जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने तक यह संघर्ष जारी रहेगा. मौके पर जिलाध्यक्ष धर्मपाल, अर्जुन प्रसाद मेहता, निलांबर निराला, प्रशांत कुमार, पप्पू कुमार, पंकज सिंह आदि मौजूद थे.

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