वीरपुर. जल संसाधन विभाग के वीरपुर मुख्यालय स्थित कौशिकी भवन के मुख्य द्वार पर बुधवार को विभाग के विभिन्न शाखाओं में कार्यरत दैनिक मजदूरों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में लगभग 102 मजदूरों ने हिस्सा लिया, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी. सभी ने काला बिल्ला लगाकर विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी मजदूरों में कोसी योजना से जुड़े यांत्रिक प्रमंडल, खनसामा, सफाईकर्मी, विद्युत कर्मी सहित विभिन्न शाखाओं के कर्मी शामिल थे. इनका आरोप है कि उन्हें महीनों से मजदूरी नहीं दी गई है, जिससे उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कुणाल किशोर ने बताया कि पिछले पांच महीनों से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है, वहीं सिंचाई यांत्रिक प्रमंडल के कर्मियों को पिछले 11 महीनों से मजदूरी नहीं मिली है. उन्होंने कहा, हर महीने 30-31 दिन काम कराया जाता है, लेकिन भुगतान अधिकतम 26 दिन का ही होता है. बढ़ती महंगाई में परिवार पालना मुश्किल हो गया है. उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 का भुगतान अब तक लंबित है, जबकि विभाग ने मार्च और अप्रैल में भुगतान का आश्वासन दिया था और 15 अप्रैल तक पुराने बकाया के निपटारे की बात कही थी. हमने बिना बाधा कार्य किया लेकिन अब तक कोई भुगतान नहीं हुआ. मजदूरों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो वे गुरुवार को मशाल जुलूस निकालेंगे और फिर भी समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज करेंगे. प्रदर्शन में शामिल शुभांकर मिश्रा ने बताया, साहब हर बार कहते हैं कि बजट आएगा तो भुगतान होगा, लेकिन मार्च और अप्रैल बीत चुका है. अब सब्र का बांध टूट चुका है. इस प्रदर्शन में सुशील कुमार स्वर्णकार, रामप्रवेश सिंह, राजदीप कुमार, ब्रजेश कुमार, मनीष कुमार राउत, दिलीप कुमार यादव, ओम प्रकाश यादव, नीरज कुमार, अरुण कुमार महतो, मुकेश कुमार कर्ण, पवन कुमार सिंह, उपेंद्र कुमार, सुजीत कुमार सुमन, बीरेंद्र नाथ रुद्रा, फिरोज आलम सहित अनेक पुरुष और महिलाएं शामिल रही. प्रदर्शनकारी मजदूरों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता और बकाया भुगतान नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है