राघोपुर. तीज और चौठचंद्र पर्व की पूर्व संध्या पर सोमवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बाजारों में दिनभर जबरदस्त रौनक देखने को मिली. महिलाओं, बच्चों और युवाओं की भीड़ खरीदारी को लेकर बाजारों में उमड़ पड़ी. दोनों पारंपरिक पर्वों के एक साथ पड़ने से इस बार बाजार की रौनक दोगुनी हो गयी. सुबह से ही महिलाएं तीज पर्व की तैयारियों के लिए बाजार में जुटी. दुकानों पर साड़ी, चूड़ी, बिंदी, सिन्दूर, पायल और अन्य शृंगार सामग्री की खूब बिक्री हुई. दुकानदारों ने बताया कि इस बार सबसे अधिक मांग रंग-बिरंगी चूड़ियों और डिजाइनर साड़ियों की रही. बच्चों के लिए नए कपड़ों की भी जोरदार खरीदारी हुई. दूसरी ओर चौठचंद्र पर्व को लेकर भी बाजारों में चहल-पहल रही. लोग मिट्टी के बर्तन, बांस का फुलोकि, केले, पूजन थाल और मौसमी फलों की खरीदारी करते नजर आए. केले और मौसमी फलों के दाम बढ़ने के बावजूद ग्राहकों में कोई कमी नहीं दिखी. त्योहारी माहौल में मिठाइयों की खरीदारी सबसे आगे रही. रसगुल्ला, पेड़ा, लड्डू और बर्फी की जमकर बिक्री हुई और कई दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें लगी रही. वहीं सब्जी मंडी में आलू, हरी सब्जियां, अरबी, कद्दू और अन्य मौसमी सब्जियों की बिक्री भी काफी बढ़ गई. ग्राहकों ने बताया कि तीज और चौठचंद्र ऐसे पर्व हैं जो परिवार और समाज को जोड़ते हैं. महिलाएं तीज के अवसर पर व्रत रखकर पारंपरिक गीत गाती हैं, जबकि चौरचन में परिवार के सभी सदस्य मिलकर चंद्रमा को दही और फल से अर्घ्य अर्पित करते हैं. दुकानदार भी बिक्री बढ़ने से खुश नजर आए. उनका कहना था कि दोनों पर्व एक साथ पड़ने से कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. मालूम हो कि मंगलवार को तीज और चौठचंद्र पर्व मनाया जायेगा. तीज पर्व में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं चौठचंद्र, जिसे मिथिला में चौरचन कहा जाता है, में परंपरागत रूप से चंद्रमा को दही और फलों से अर्घ्य अर्पित करने की परंपरा है.
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