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घर बैठे वेतन नहीं ले सकेंगे शिक्षक सख्ती. शिक्षकों के प्रतिनियोजन पर रोक

प्रतिनियोजन का खेल अब बंद होगा. जिले में एक भी शिक्षक प्रतिनियोजित नहीं हैं. विभाग ने डीइओ से इसका प्रमाणपत्र मांगा है. अब इस तरह के शिक्षकों का वेतन बंद होता है, तो इसकी जवाबदेही विभाग नहीं लेगा. सुपौल : सरकार एवं शिक्षा विभाग के कड़े फैसले के बाद अब घर बैठे वेतन का लाभ […]

प्रतिनियोजन का खेल अब बंद होगा. जिले में एक भी शिक्षक प्रतिनियोजित नहीं हैं. विभाग ने डीइओ से इसका प्रमाणपत्र मांगा है. अब इस तरह के शिक्षकों का वेतन बंद होता है, तो इसकी जवाबदेही विभाग नहीं लेगा.

सुपौल : सरकार एवं शिक्षा विभाग के कड़े फैसले के बाद अब घर बैठे वेतन का लाभ लेने वाले शिक्षकों पर नकेल कसी जा सकेगी. विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को जिले में एक भी शिक्षक का प्रतिनियोजन नहीं रहने का प्रमाण पत्र देने का आदेश दिया गया है. प्रतिनियुक्त शिक्षकों को वेतन की जवाबदेही विभाग नहीं लेगी.प्रतिनियोजन करने वाले पदाधिकारियों के वेतन से उक्त राशि की कटौती की जायेगी. 30 सितंबर से पांच नवंबर तक शिक्षकों के सामंजन की प्रक्रिया पूरा किया जाना है.सरकार के इस आदेश के बाद शिक्षा माफिया एवं घर बैठे वेतन का लाभ लेने वाले शिक्षकों में निराशा का भाव देखा जा रहा है.
छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने एवं शैक्षणिक माहौल कायम करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा एक नयी रणनीति तैयार की गयी है. इसके तहत विद्यालयों में शिक्षकों के प्रतिनियोजन व्यवस्था को समाप्त करते हुए छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों का सामंजन करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की गयी है.शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने शिक्षा में सुधार हेतु 27 सितंबर 2016 को शिक्षा विभाग के सभी वरीय पदाधिकारियों को एक पत्र जारी कर शिक्षकों के सामंजन के लिए जिला से पंचायत स्तर तक के लिए तिथि निर्धारित कर दिया है.जिले में 05 नवंबर 2016 तक छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों का सामंजन सुनिश्चित करने का आदेश सचिव द्वारा जारी किया गया है.
शिक्षा सचिव ने डीइओ व डीपीओ स्थापना को पत्र लिख कर निर्देश दिया है कि जिला स्तर पर 30 सितंबर तक डीएम की अध्यक्षता में प्रखंड नियोजन इकाई एवं नगर नियोजन इकाई के सदस्य सचिव एवं अध्यक्ष की कार्यशाला कर विभागीय निर्देश एवं सामंजन की प्रक्रिया से अवगत कराया जाय. 15 अक्तूबर तक शिक्षक इकाई सामंजन का प्रस्ताव जिला स्तर पर तैयार किया जाये. 20 अक्तूबर तक प्रखंड स्तर पर बीडीओ की अध्यक्षता में सभी पंचायत नियोजन इकाई के सदस्य सचिव एवं अध्यक्ष की कार्यशाला आयोजित करा कर विभागीय निर्देश एवं सामंजन की प्रक्रिया से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है.
आदेश में कहा है कि बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियामावली 2012 एवं बिहार नगर प्रारंभिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली 2012 के तहत जिला शिक्षा पदाधिकारी नियोजन इकाईवार तथा विद्यालयवार सामंजित होने वाले शिक्षक इकाई सहित की सूची संबंधित नियोजन इकाई के सदस्य सचिव को हर हाल में 20 अक्टूबर तक उपलब्ध करा देंगे.सभी सदस्य सचिव पंचायत, प्रखंड एवं नगर नियोजन इकाई 24 अक्टूबर से 05 नवंबर तक नियोजन इकाई के अध्यक्ष से अनुमोदन प्राप्त कर शिक्षक इकाई के साथ शिक्षक का सामंजन आदेश दिनांक 05 नवंबर तक निश्चित रूप से निर्गत कर देंगे.सभी कार्रवाई की जवाबदेही डीइओ को दी गयी है.
डीइओ देंगे प्रमाण पत्र
शिक्षा सचिव ने शिक्षकों के प्रतिनियोजन के संबंध में सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि बिना विभाग के पूर्वानुमति के किसी भी शिक्षकों का प्रतिनियोजन नहीं किया जाये. साथ ही साथ प्रतिनियोजन से संबंधित सभी आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर अनुपालन प्रतिवेदन प्राथमिक शिक्षक के मामले में निदेशक प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षकों के मामले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना को समर्पित करने का आदेश दिया है. निर्देश के अनुपालन के उपरांत जिला शिक्षा पदाधिकारी यह प्रमाण पत्र देंगे कि उनके जिला में किसी भी शिक्षक का प्रतिनियोजन नहीं किया गया है.
शिक्षा माफियाओं में हड़कंप
जुगाड़, पहुंच एवं पैरवी के दम पर घर बैठे वेतन का लाभ लेने वाले शिक्षकों की मनमर्जी अब नहीं चलेगी. शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों पर नकेल कसने के लिए फूलप्रूफ तैयारी की है. प्रतिनियोजन में रहने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान की जवाबदेही से विभाग ने अपना हाथ खींच लिया है तथा प्रतिनियोजन करने वाले पदाधिकारियों के वेतन से कटौती कर प्रतिनियोजित शिक्षकों को वेतन दिया जायेगा.ज्ञात हो कि जिले में 9200 शिक्षकों में से करीब 16 शिक्षक नियोजन के बाद से ही अपने मूल विद्यालय को छोड़ कर सुविधा
अनुसार अन्यत्र प्रतिनियुक्त हैं. कई शिक्षक तो अपने नियुक्ति तिथि से ही कार्यालय में प्रतिनियुक्त रह कर लिपिक का कार्य कर रहे हैं, जबकि कई ऐसे शिक्षक व शिक्षिका भी हैं जो सेटिंग के तहत बड़े शहरों में रह कर वेतन का लाभ ले रहे हैं. इस आदेश के बाद जिले में सक्रिय शिक्षा माफिया एवं घर बैठे वेतन का लाभ लेने वाले शिक्षकों में मायूसी व हड़कंप देखी जा रही है.

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