सुपौल : गांधी मैदान में आयोजित 10 दिवसीय श्री गणेश महोत्सव के दूसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा वाचन के दौरान वृंदावन से आयी देवी मुरलीका गौड़ ने जीवन में सुख की परिभाषा का विस्तर से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भागम-भाग भरी इस दुनिया में आदमी सुख तो पाना चाहता है. लेकिन उसे सही सुख की प्राप्ति नहीं होती है. कहा कि विरक्त आदमी को कोई दुखी नहीं कर सकता.
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जीवन को परोपकार की भावना से जीयें
सुपौल : गांधी मैदान में आयोजित 10 दिवसीय श्री गणेश महोत्सव के दूसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा वाचन के दौरान वृंदावन से आयी देवी मुरलीका गौड़ ने जीवन में सुख की परिभाषा का विस्तर से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भागम-भाग भरी इस दुनिया में आदमी सुख तो पाना चाहता है. लेकिन उसे सही सुख […]
क्योंकि उसे कभी किसी से किसी प्रकार की अपेक्षा ही नहीं होती. साध्वी ने मौन रहने पर बल दिया. कहा कि मौन रहने से समस्त शत्रुओं का नाश हो जाता है. ऐसा कर्म करें कि आपका कर्म बोले और आपका समय बोले. जीवन में जो भी शौक है, व इच्छाएं है, उनको मर्यादा के दायरे में रह कर पूरा करें. उम्र और सुख की आपस में नहीं बनती है. जब सुख आता है तो उम्र ही चली जाती है. समय संपत्ति और स्वास्थ्य कब बदल जाय, इसकी कोई गारंटी नहीं होती.
इसलिये अपने जीवन को आनंद के साथ जीये. परोपकार की भावना के साथ जीयें. देहालय में शिवालय को प्रकट करना है तो खुद से प्रेम करना सीखना चाहिये. प्रवचन के दौरान भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया. उपस्थित श्रद्धालुओं ने इसका जम कर आनंद उठाया. श्री गणेश महोत्सव के दौरान बुधवार को सुबह 09 बजे से पूजा-अर्चना की गयी. जबकि संध्या काल में भव्य आरती और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया.
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