20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सुपौल : दो साल में चुकाया लोन, हर साल 40 लाख की होती है कमाई

सुपौल के युवाओं ने बैंक से लोन लेकर 25 एकड़ में शुरू किया मछलीपालन, आसपास के लोग ले रहे सीख भविष्य में मत्स्य पालन को और विस्तार करने की योजना सुपौल : जिले के पिपरा प्रखंड में पांच युवाओं ने मछलीपालन कर लोगों के लिए नजीर पेश की है. 2014 में दीनापट्टी पंचायत के सखुआ […]

सुपौल के युवाओं ने बैंक से लोन लेकर 25 एकड़ में शुरू किया मछलीपालन, आसपास के लोग ले रहे सीख
भविष्य में मत्स्य पालन को और विस्तार करने की योजना
सुपौल : जिले के पिपरा प्रखंड में पांच युवाओं ने मछलीपालन कर लोगों के लिए नजीर पेश की है. 2014 में दीनापट्टी पंचायत के सखुआ गांव में पांच युवा बसंत कुमार गुप्ता, संतोष कुमार, नागेंद्र कुमार, मुनेंद्र कुमार झा व त्रिभुवन तिरंगा ने 25 एकड़ में पोखर की खुदाई करायी और मछलीपालन शुरू किया. इससे हर साल 25 से 40 लाख रुपया कमा रहे हैं.
लोगों ने गांव के 25 एकड़ जमीन को 21 साल 11 महीना के लिए लीज करवायी. वह धीरे-धीरे बढ़ कर 40 एकड़ तक पहुंच गयी है. युवाओं ने आइडीबीआइ बैंक से कुल 35 लाख लोन लिये थे, जिस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी गयी थी. युवकों ने दो साल में ही लोन चुका दिया़ प्रति एकड़ छह माह में करीब 10 टन मछली का उत्पादन हो रहा है.
कई लोगों को मिला रोजगार : 25 एकड़ में मत्स्य पालन की शुरुआत किये जाने के बाद वर्तमान में यह कारोबार 40 एकड़ में फैल चुका है. इसके लिए आठ लोगों को मछली निकालने और आठ लोगों को मछली की देखरेख के लिए रखा गया है.
पानी के लिए पंपसेट व रोशनी के लिए पोखरों पर सोलर प्लेट की व्यवस्था की गयी है. इसके लिए कर्मी बहाल है. कर्मियों को इसके लिए वेतन भी दिया जाता है. समुचित देखरेख के बाद ही मत्स्य पालन का कारोबार सफल हो सका है. पांच साथियों में से तीन साथी खुद मछलीपालन के जानकार भी हैं और वे लोग खुद इसका मॉनीटरिंग करते रहते हैं.
प्रति एकड़ 10 टन मछली का हो रहा उत्पादन
पांचों युवाओं की टीम ने शुरुआती दौर में काफी मेहनत की. इनमें से एक त्रिभुवन तिरंगा ने बताया कि 25 एकड़ लीज की जमीन में करीब 20 एकड़ जलग्रहण क्षेत्र है, जिसमें पानी रहता है.
बताया कि प्रति एकड़ 20 हजार 100 ग्राम की मछली पोखर में जमा किये जाने के बाद ये मछलियां छह माह में करीब 10 टन प्रति एकड़ हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि प्रति मछली का ग्रोथ छह माह में करीब 500 ग्राम होता है. इस तरह 20 एकड़ में मछली का उत्पादन करीब 200 टन हो जाता है. जून से मछली की खपत के हिसाब से पोखर से मछली निकालना शुरू हो जाता है. जिसे बाजार में बेच दिया जाता है.
आंध्र प्रदेश से मंगाया जाता है मछली का चारा
गर्मी के महीने में पानी नीचे चले जाने के कारण इसकी पूर्ति पंपसेट के सहारे की जाती है. इसके अलावे मछली के खाने के लिए फीड आंध्रा से मंगाये जाते हैं. इसमें प्रति एकड़ करीब 15 टन फीड की खपत होती है. प्रति टन फुट का मूल्य आंध्र प्रदेश से लाने पर करीब 40 हजार रुपया होता है. इस लिहाज से एक एकड़ में फीड की खपत करीब छह लाख की हो जाती है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel