संवाददाता,सीवान. फर्जी स्टांप बेचने के मामले में महादेवा थाना क्षेत्र के एक महिला की गोरखपुर में गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर यह रैकेट चर्चा में है.पुलिस को अब तक हाथ लगे सुराग के मुताबिक सीवान निवासी मुख्य सरगना नवाब आरजू गोरखपुर को ही केंद्र कर अपने साथियों के साथ मिलकर राजस्थान तक अपना जाली स्टांप सप्लाई का रैकेट फैला रखा था. नवाब आरजू पहले से ही इस मामले में जेल में है.इसी रैकेट में शामिल महादेवा थाना के हकाम गांव की रिंकु देवी उर्फ नीलू की गिरफ्तारी से सीवान पुलिस की भी होश उड़ गया है.बताया जाता है कि गोरखपुर पुलिस रिंकु के जालसाजी के खेल को तलाशने के लिए जिले की पुलिस की भी मदद ले रही है. मालूम हो कि महादेवा थाना क्षेत्र के महादेवा मुहल्ला में नवाब आरजू के घर पर एक वर्ष पूर्व पुलिस ने छापेमारी की थी.उस दौरान ही पहली बार फर्जी स्टांप के रैकेट चलाने का मामला सामने आया था.स्थानीय पुलिस यह कार्रवाई यूपी के गोरखपुर में फर्जी स्टांप के मामले में नवाब आरजू का नाम सामने आने के बाद की थी.महादेवा में छापेमारी के दौरान 300 रुपये,100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये तथा पांच रुपये के जाली स्टांप बरामद हुए थे.इस मामले में पुलिस कार्रवाई की थी.उधर गोरखपुर के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच की कार्रवाई तेज कर दी.जांच के दौरान कुल रैकेट में शामिल 11 लोगों के नाम सामने आये.जिस पर पुलिस ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के साथ ही गैंगस्टर की कार्रवाई की थी. जिसमें गोरखपुर कोतवाली क्षेत्र के राजीव कुमार व रामलखन जायसवाल की पहली गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद महादेवा मोहल्ले के नवाब आरजू की गिरफ्तारी हुई.इस मामले में महादेवा थाना के हकाम की रिंकु देवी उर्फ नीलू का भी नाम सामने आया. वह बच्चों को लेकर गोरखपुर में रहती थी.जबकि उसका पति विदेश में नौकरी करता है. नीलू की एक दिन पूर्व गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद उसके सीवान में भी रैकेट के सदस्य होने की आशंका के बाद पुलिस के होश उड़ गये. महादेवा थाना प्रभारी निर्भय कुमार कहते हैं कि नीलू के गिरफ्तारी के मामले में कोई जानकारी नहीं है.यह मामला सामने आने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. दिल्ली, राजस्थान तक गिरोह का फैला था कनेक्शन नवाब आरजू वर्ष 2024 में कैट क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार हुआ था. पूछताछ में पता चला था कि नवाब आरजू का कनेक्शन यूपी के मेरठ, फिरोजाबाद, नोएडा के साथ ही दिल्ली, राजस्थान तक था.आरजू को फिरोजाबाद का ही एक व्यक्ति फर्जी स्टांप छापने के लिए रुपये देता था.इस मामले में नवाब आरजू का भांजा साहेबजादे, के अलावा यूपी के कुशीनगर के कसया का ऐश मोहम्मद, कुशीनगर के पडरौना के सिरसिया निवासी रविंद्र कुमार दीक्षित, जंगल बहुलहवा का नंदू उर्फ नंदलाल, देवरिया कोतवाली क्षेत्र का संतोष गुप्ता, महराजगंज के कोठभारी व हाल पत्ता कोतवाली जगन्नाथपुर निवासी रविदत्त मिश्र,कुशीनगर के कसया निवासी गोपाल तिवारी की पुलिस को अभी भी इंतजार है.
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