प्रतिनिधि, हसनपुरा. दहा नदी में फैले जलकुंभी नगर पंचायत के लिए सिर दर्द बना हुआ है.पिछले एक माह से मजदूर लगाकर कई बार सफाई की गयी. लेकिन जलकुंभी नदी से हटने का नाम ही नहीं ले रहा. बुधवार को नगर पंचायत हसनपुरा का मूर्ति विसर्जन है, और पूरे घाट पर जलकुंभी का अंबार लगा हुआ है. इस परिस्थिति में नदी में मूर्ती विसर्जन करना काफी नामुमकिन दिख रहा है. दिन भर में जितनी जलकुंभी निकाली जाती है अगली सुबह और जलकुंभी आ जाती है. जलकुंभी के निरंतर फैलाव से अब जलीय जीवों के लिए ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से उनके जीवन पर संकट आ गया है. वहीं जलकुंभी के जाल के कारण पानी में भी बदबू बढ़ने की आशंका है. सबसे अधिक परेशानी तो इसके निस्तारण की है. नगर पंचायत द्वारा जलकुंभी हटाने का युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है. वहीं विसर्जन वाले घाट पर नगर पंचायत के सफाई कर्मियों द्वारा नदी से जलकुंभी निकाल कर दूसरे स्थान पर भंडारण कर रहे हैं. इस मामले में चेयरमैन प्रतिनिधि महेश गुप्ता ने बताया कि अभी तक 50 हजार से अधिक रुपया खर्चा हो गया, लेकिन जलकुंभी पूरी तरह से नदी से नहीं हटा है. कई बार नदी से जलकुंभी को हटा दिया गया था, लेकिन पुनः आकर जमा हो जा रहा है. हर हाल में बुधवार की शाम तक नदी से जलकुंभी हटा दिया जाएगा, इस कार्य के लिए तीन से चार दर्जन और मजदूर लगा कर नदी से जलकुंभी हटवा जाएगा. ताकि समुचित ढंग से सभी मूर्तियों का विसर्जन किया जा सके.
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