दरौंदा. प्रखंड के कोथुआं-सारंगपुर गांव स्थित मस्जिद में शनिवार को हजरत सैयद अबु महमद बरकत अली शाह मुस्कील कुशा रजी का सालाना उर्स मुबारक बड़े ही अदब, अकीदत और श्रद्धा के साथ मनाया गया. यह आयोजन हर साल 14 सफर के दिन किया जाता है, जिसमें इस वर्ष भी बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने शिरकत की. बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल हुए. यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि गंगा-जमुनी तहजीब और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी बना. सुबह फज्र की नमाज के बाद कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन खानी और फातिहा-ख्वानी से हुई. श्रद्धालुओं ने दरगाह शरीफ पर फूलों की चादरें चढ़ाईं, मन्नतें मांगी और पीर बाबा की बारगाह में दुआएं कीं. विशेष बात यह रही कि मुस्लिम समाज के साथ-साथ हिंदू समुदाय के लोगों ने भी इस उर्स में पूरे उत्साह और आस्था के साथ भाग लिया. इससे क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारे की मजबूत झलक देखने को मिली. कार्यक्रम के सफल संचालन में इन्तजीम मियां, मजहरुल हक, जिम्मेवार दरवेश, मोहम्मद खलील, नूर मोहम्मद, कौल मोहम्मद, हजमुद्दीन, फिरोज सहित कई युवाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई. उन्होंने दूर-दराज़ से आए अकीदतमंदों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी. दरगाह परिसर और आसपास के इलाकों को रंग-बिरंगी लाइटों, झंडियों और पारंपरिक सजावट से खूबसूरती से सजाया गया था. माहौल में अमन, मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम लगातार गूंजता रहा, जो इस आयोजन की आत्मा रही.
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