प्रतिनिधि, सीवान. जिले में लगातार चौथे दिन शनिवार को भी मोंथा चक्रवात का असर जारी रहा. पहले हथिया नक्षत्र ने तो अब मोंथा चक्रवात ने फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दी. बुधवार की रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश शनिवार को भी जारी रही. बुधवार व गुरुवार की रात में तेज हवाओं के साथ लगातार बारिश होती रही, जो शुक्रवार को दिन भर जारी रहा. बारिश से खेतों में खड़े धान के फसल गिर चुके हैं, वहीं खेतों में कटे तैयार फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो रहे हैं. इधर लगातार बारिश से नगर के मुहल्लों में जलजमाव हो गया है तथा कीचड़ से परेशानी बढ़ गई है. जनजीवन प्रभावित हो चुकी है. बाजार में खरीदारों की कमी देखी जा रही है. इ-रिक्शा व ऑटो के भी संचालन में कमी देखी जा रही है. लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि अभी तक इस बारिश से नदियों के जलस्तर प्रभावित नहीं हुआ है. सभी नदियों का जलस्तर स्थिर है. इधर जलजमाव के कारण किसानों को भी भारी नुकसान हुआ हैं. बारिश ने धान के साथ साथ हरी सब्जियों के फसलों को भी नुकसान पहुंचाया हैं. सबसे आधिक आलू और गोभी फसल को नुकसान पहुंचा हैं. आलू की खेती की तैयारी कर रहे थे बारिश के कारण बंद करना पड़ा- चार दिनों से लगातार हो रही बारिश व पूर्वा हवा के कारण खेतों में तैयार धान की फसल गिर चुकी है. वहीं काटे गए धान भी भींग कर व जलजमाव में बर्बाद होने के कगार पर हैं. भींगे धानों में अंकुरण व सड़ने की संभावना बढ़ गई है. वहीं खेतों में अधिक नमी व जलजमाव के कारण रबी फसल की तैयारी और बोआई भी प्रभावित हो चुकी है. किसान हरेराम महतो ने बताया कि उनके खेतों को अधिकतर तैयार धान गिर चुका है, वहीं काटे गये धान पानी में हैं. ऐसे में धान के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है. किसान रामचंद्र साह ने बताया कि वे आलू की खेती की तैयारी कर रहे थे, बारिश के कारण बंद करना पड़ा है. उनके खेतों में पहले से ही पानी था, लेकिन धूप के कारण समय पर सूखने के आसार थे. अब आशा खत्म हो चुका है. रबी की बोआई रुक गई है. नमी बढ़ी हुई है, समय पर खेतों के सूखने के आसार नहीं हैं. आज से अधिकतम तापमान में वृद्धि तो न्यूनतम में होगी कमी- मौसम विभाग की माने तो रविवार को मौसम साफ रहने की संभावना है. धूप भी निकलेगी. मौसम में अब हेमंत ऋतु के आगमन के साथ ही बदलाव शुरू होगा. इस मौसम में अब बारिश व पूर्वा हवा के प्रभाव से आने के साथ ही वास्तविक प्रभाव दिखने लगेगा. अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान चढ़कर सामान्य हो जाएगी. लेकिन न्यूनतम तापमान में कमी होने लगेगी. इसके साथ ही सुबह के समय ओस की बुंद नजर आएगी तथा हल्के धुंध भी लगना शुरू होगी. जिससे आवागमन के प्रभावित होने के आसार बनेंगे. धान की बालिया बचाने में जुटे किसान- इधर चार दिनों की बारिश ने धान के कटे हुए फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया हैं. किसान अब खेतों में लगे पानी से डूबे फसल को निकाल कर धान की बालिया को बचाने में जुटे हैं. ताकि धान अंकुरित न हो. यहीं हाल आलू की फसल का भी हैं. जहां किसान आलू की फसल में लगे पानी को निकालने में जुटे हैं.
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