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बारिश से धान की फसल खेतों में गिरी

जिले के कई हिस्सों में मोंथा तूफान का व्यापक असर देखा जा रहा है. चक्रवाती तूफान तथा बेमौसम बारिश से धान की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है. तूफान के कारण बुधवार की रात से वर्षा हो रही हैं. जिसका असर धान की खड़ी फसलों पर हुआ है. बारिश और हवा के झोंकों से धान की फसल गिर गयी है.

प्रतिनिधि, सीवान. जिले के कई हिस्सों में मोंथा तूफान का व्यापक असर देखा जा रहा है. चक्रवाती तूफान तथा बेमौसम बारिश से धान की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है. तूफान के कारण बुधवार की रात से वर्षा हो रही हैं. जिसका असर धान की खड़ी फसलों पर हुआ है. बारिश और हवा के झोंकों से धान की फसल गिर गयी है. किसानों का कहना है कि इस समय धान की फसल तैयार हो गया हैं. कई जगहों पर धान की कटाई भी हो चुकी हैं. फसल गिर जाने से दाना खराब होने के कगार पर आ चुका हैं. फसल गिर जाने से कटनी में भी परेशानी होगी.बहुत से खेतों में अभी पानी जमा हुआ हैं, पानी में धान गिर जाने से धान की बालियां काली पड़ रही हैं. इससे नुकसान और अधिक हो जायेगा. किसान गिरजेश शर्मा ने बताया कि चार महीने की मेहनत से धान की फसल तैयार हुआ था. अंत समय में तूफानी वर्षा होने से सारे मेहनत पर पानी फेर दिया है. धान की फसलों के साथ सरसों और आलू की खेती पर भी असर हुआ है.इन दोनों आलू और सरसों की खेती के लिए खेत तैयारी के साथ बुवाई का काम चल रहा है. वर्षा हो जाने से खेतों में नमी आ गई है. इससे सरसों की बुवाई में देर होगी. बहुत जगह पर खेसारी और मसूर की बुवाई कर दी गई थी. वर्षा होने से नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. कई इलाकों में कटी हुई धान की फसल खेत में ही पानी में डूब गई, जिससे फसल के सड़ने का डर है. किसानों को इस कारण भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और उनकी आजीविका पर संकट मंडरा गया है.वही, किसान परेशान दिख रहे है. बारिश से गिरा तापमान मेंथा चक्रवात का असर जिले में भी पड़ा है. पिछले चार दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं.साथ ही रह-रहकर बूंदा बांदी भी हो रही है. गुरुवार को दिन में सड़कों पर अंधेरा जैसा दिखई दे रहा था. वहीं तापमान में भी कमी आई है. जिस कारण लोगों को ठंड का एहसास हुआ. विदित हो कि सोमवार से ही मौसम के मिजाज में बदलाव आया है. मंगलवार को भी दिन भर आसमान में बादल छाये रहे. वहीं पिछले तीन दिनों से रूक-रूक कर बारिश भी हो रही है. जिससे तापमान में भी कमी आई है. बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 31 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था. जिसके बाद तापमान में गिरावट जारी है. वहीं बुधवार के अधिकतम तापमान से शुक्रवार को अधिकतम तापमान में छह डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 25 व न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. सड़ने के कगार पर है आलू की फसल दीपावली बीतने के साथ ही जिले में आलू की फसल की बुवाई कर दी गई थी. लोग अब सरसों की बुवाई करने वाले थे. तब तक तूफान ने अपना नजारा दिखा दिया. इधर कई खेतों में आलू के फसल की बुवाई हो चुकी है जो फैसले अब सड़ने के कगार पर है. लोगों का कहना है कि यदि अब बारिश नहीं रुकी तो आलू की फसल बर्बाद हो जाएगा. जलजमाव से लोग परेशान इधर शहर में तीन दिन में हुई हल्की बारिश ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी. बारिश के कारण शहर के कई मोहल्लों में जलजमाव की स्थिति सामने आ गई हैं. बारिश के बाद सड़कों पर पानी जम गया. इस कारण लोगों को आने जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. यह स्थिति शहर के शांति वटवृक्ष से डीएवी मोड़ जाने वाली सड़क पर देखने को मिली. यहां मुख्य सड़क पर पानी का जमावड़ा रहा. इस कारण बाइक चालक गाड़ी पर पैर को ऊपर उठा कर आना जाना करते हुए देखे गये. नया किला, नवलपुर, दखिन टोला,सिसवान ढाला,मौली के बथान,नई बस्ती,अस्पताल रोड,पकड़ी मोड़ सहित कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां पानी निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जलजमाव होता है और लोगों को परेशानी का सामान करना पड़ता है. जहां तनिक भी पानी होती है तो जल जमाव हो जाता हैं.

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