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siwan news : 12 दिसंबर तक व्यक्तिगत हलफनामा दें डीएम

siwan news : अवैध सब्जी मंडी को चिह्नित स्थान पर शिफ्ट नहीं किये जाने पर हाइकोर्ट नाराजअधिवक्ता प्रयाग कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिया निर्देश

सीवान. शहर के मैरवा रोड स्थित दारोगा राय कॉलेज के सामने वर्षों से लग रही अनधिकृत थोक सब्जी मंडी को हटाने व नये स्थान पर स्थापित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पटना हाइकोर्ट ने सख्त नाराजगी जतायी है.

इस क्रम में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अब जिलाधिकारी सीवान को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह ठहराते हुए काउंटर एफिडेविट (प्रति-शपथपत्र)/व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का सीधा निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता के मुताबिक इसके लिए 12 दिसंबर की तिथि तय की गयी है. इस मामले में पिछली सुनवाई में कोर्ट द्वारा 17 अक्तूबर तक सब्जी मंडी स्थानांतरण के लिए अपेक्षित अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिये जाने के बावजूद यह कहा जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा कोई अनुपालन नहीं किया गया. इसके परिणामस्वरूप, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम से व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

अधिवक्ता प्रयाग कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि यह मामला सिर्फ ट्रैफिक जाम का नहीं, बल्कि उच्च प्रशासनिक आदेशों की लगातार अवहेलना का है. पिछली सुनवाई के दौरान अधिकारियों ने जवाब देने के लिए सात दिन का अतिरिक्त समय मांगा था, तो मुख्य न्यायाधीश ने इसे ””अत्यंत गंभीर मामला”” बताते हुए स्पष्ट किया था कि अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत भी याचिकाकर्ता ने यह मुद्दा उठाया था और सारण प्रमंडल के आयुक्त, विभागीय सचिव और प्रधान सचिव तक ने जिला प्रशासन को स्थानांतरण में कोई बाधा न होने का स्पष्ट निर्देश दिया था, फिर भी फाइल जिलाधिकारी के पास लंबित रही और अंततः मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा.

थाेक कारोबारी भी उठाते रहे हैं मांग

अस्थायी मंडी के कारण न केवल शहरवासी, बल्कि स्वयं सब्जी कारोबारी भी परेशान हैं. करीब 100 से अधिक थोक सब्जी कारोबारी बिना किसी बुनियादी सुविधा के यहां काम करते हैं. गर्मी और बारिश में सब्जियां खराब हो जाती हैं, क्योंकि न तो एयर कंडीशन वाहन हैं और न ही कोल्ड स्टोरेज की सरकारी व्यवस्था है. कोरोना काल में शुरू हुई यह वैकल्पिक व्यवस्था अब स्थायी बन चुकी है, लेकिन यहां शौचालय, पेयजल, छांव और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नदारद हैं. रोड पर दुकानें लगाने के कारण कारोबारियों को बार-बार प्रशासन की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई और डंडे का सामना करना पड़ता है. इस बीच बरहन गोपाल में चिह्नित सब्जी मंडी भूमि पर एनओसी जारी करने में क्यों विलंब हो रहा है. इसका न्यायालय ने जवाब मांगा है.

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