भगवानपुर हाट. प्रखंड क्षेत्र में धान की कटनी के बाद खेतों में पुआल जलाने और सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों के कारण हवा लगातार खराब होती जा रही है. बारिश के कारण धान की फसल भारी रूप से प्रभावित हुई है. खेतों में पानी भरे रहने से किसान पानी में उतरकर मुश्किल से आधी फसल की ही कटाई कर पा रहे हैं. थ्रेसर में धान अलग करने के बाद जो जो पुआल निकल रहा है, उसे सुखाने की व्यवस्था नहीं होने से किसान खेत में ही जला रहे हैं. पुआल जलाने से हवा प्रदूषित तो होती ही हैं साथ ही खेत की मिट्टी की उर्वरक शक्ति नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे जमीन में मौजूद उपयोगी जीवाणु मर जाते हैं और आने वाली फसलों की पैदावार पर भी बुरा असर पड़ सकता है. बीते कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता यानी एक्यूआइ लगातार 120 से 199 के बीच बनी हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं मानी जाती.
धान का पुआल जलाने से खेतों के साथ-साथ पूरे इलाके में धुआं फैल जाता है. इससे हवा और ज्यादा जहरीली हो जाती है. साथ ही पेड़-पौधों और आसपास की फसलों को भी नुकसान पहुंचता है. उन्होंने कहा कि बेवजह घर से बाहर न निकलें बच्चों को बाहर खेलने से रोकें,मास्क लगाकर ही बाहर जाएं,सुबह-शाम टहलने से बचें, खेतों में पुआल न जलाएं.
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