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सीवान में निर्दलीय बनायेंगे मुकाबले को रोचक

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में सीवान सीट के लिये 25 मई को मतदान होने हैं.आसमान से आग उगलती गर्मी के बीच प्रत्याशियों के तेज हुए राजनीतिक दौरों से यहां का सियासी तापमान भी बढ़ने लगा है

जितेंद्र उपाध्याय .सीवान. लोकसभा चुनाव के छठे चरण में सीवान सीट के लिये 25 मई को मतदान होने हैं.आसमान से आग उगलती गर्मी के बीच प्रत्याशियों के तेज हुए राजनीतिक दौरों से यहां का सियासी तापमान भी बढ़ने लगा है. सभी प्रमुख प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद चेहरे भी अब साफ हो चुके हैं.ऐसे में मतदाता भी अपने प्रत्याशी चयन को लेकर मुखर होने लगे हैं.जिससे राजनीतिक समीकरण बनने व बिगड़ने का खेल शुरू हो गया है. इस बार एनडीए की तरफ से पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी देवी उम्मीदवार हैं. उनके सामने इंडिया गठबंधन से बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष व सीवान सदर सीट से विधायक अवध बिहारी चौधरी हैं. दो प्रमुख गठबंधन के अलावा कभी लालू यादव के चहेते नेताओं में रहे सीवान के चार बार के सांसद व एक बार के विधायक मो.शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब अपनी मजबूत उपस्थिति जताते हुए अपने अभियान पर निकल चुकी है. इसके अलावा प्रमुख समाजसेवी जीवन यादव के चुनाव मैदान में उतर जाने से इस बार का मुकाबला रोचक होने का अनुमान है. वर्ष 2019 में 45.93 प्रतिशत वोट पाकर जदयू को मिली थी जीत वर्ष 2019 के लोकसभा के हुए चुनाव में एनडीए के घटक दल जदयू से कविता सिंह ने 45.93 प्रतिशत वोट पाकर अपनी जीत हासिल की थी. कविता सिंह को 4 लाख 48 हजार 473 मत मिले थे. जबकि महागठबंधन से राजद उम्मीदवार के रूप में पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब 33.96 प्रतिशत मत पाकर दूसरे स्थान पर रही थी. हेना के प्रति 3 लाख 31 हजार 515 मतदाताओं ने अपना विश्वास जताया था. ऐसे में हेना शहाब को कविता सिंह से 11.97 प्रतिशत वोट कम मिला था. वर्ष 2019 के चुनाव में भाकपा माले भी चुनाव लड़ा था . पार्टी के नेता अमरनाथ यादव ने 74 हजार 644 मत के साथ कुल 7.65 प्रतिशत मत हासिल किया था. वर्ष 2014 के चुनाव में बीजेपी के ओमप्रकाश यादव रहे थे विजयी लोकसभा चुनाव के वर्ष 2014 का नतीजा भी एनडीए के पक्ष में रहा था. एनडीए के घटक बीजेपी से ओमप्रकाश यादव 3 लाख 72 हजार 670 वोट पाकर जीत हासिल किये थे. इस चुनाव में राजद से हेना शहाब 2 लाख 58 हजार 823 वोट हासिल कर हार का सामना करना पड़ा था. हेना दूसरे नंबर पर रही थी.खास बात यह है कि ओमप्रकाश यादव 2009 का चुनाव निर्दल लड़कर जीत हासिल किये थे. बदले समीकरण में इस बार रोमांचक मुकाबले के आसार इस बार अमरनाथ यादव की पार्टी भाकपा माले इंडिया गठबधन के घटक दल का हिस्सा है, अर्थात राजद उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी के साथ खड़ी हैं. दूसरी तरफ हेना शहाब निर्दलीय चुनाव में उतरकर उम्मीद जता रही है कि उन्हें सर्वसमाज का वोट मिलेगा. इसलिये हेना अपने चुनाव प्रचार अभियान को लेकर सधे हुए कदम बढ़ा रही हैं.इन सबसे अलग इस बार खास बात है कि सीवान सीट पर एक खास हिस्से में वोटों के लिहाज से पकड़ बनाने वाले समाजसेवी जीवन यादव निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि नगर परिषद सीवान से अध्यक्ष के लिये पिछला चुनाव लड़ने का मन बना चुके जीवन यादव सीट सामान्य कोटे में न रहने के चलते चुनाव लड़ने से वंचित होते देख अपने डमी उम्मीदवार को मैदान में उतारा तथा जीत दिलाने में कामयाब रहे.इससे उनके समर्थकों का मनोबल लोकसभा चुनाव में भी बढ़ा है. इन सबसे इतर एनडीए के घटक दल जदयू से उम्मीदवार विजय लक्ष्मी कुशवाहा के लिये यह पहला चुनाव है.विजय लक्ष्मी के पति रमेश सिंह कुशवाहा जदयू से जीरादेई के विधायक रहे हैं. विजय लक्ष्मी को भाजपा समेत एनडीए के घटक दल के कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज के सहारे सामाजिक समीकरण साधने में सफल रहने की उम्मीद है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि इस बार का मुकाबला रोमांचक होगा.अभी मतदान में बीस दिनों का वक्त शेष है.सभी दलों के स्टार प्रचारकों के दौरे व प्रत्याशियों के जनसंपर्क अभियान तेज होने पर धरातल पर क्या जीत के समीकरण बनते हैं, यह आनेवाले दिनों में पता चलेगा.इन सबके बीच राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आमने सामने की लड़ाई के बजाय निर्दलियों के मजबूत दावेदारी की स्थिति में मतों का विभाजन अप्रत्याशित नतीजे दे सकते हैं.

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