प्रतिनिधि, गुठनी. पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़ने के चलते मैदानी इलाकों के नदियों में बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गई है. सरयू व बूढ़ी गंडक वार्निग लेबल के निशान से ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक सरयू नदी का निम्न जलस्तर 59.82 है. जो वर्तमान समय मे 61.10 मीटर है. नदी वार्निग लेबल से 1 मीटर 28 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यूपी के चित्रकूट और गिरजा बैराज से लगातार पानी छोड़ने से यह स्थिति हुई है. जल संसाधन विभाग की मानें तो पिछले तीन दिनों से जलस्तर बढ़ा है. गिरजा बैराज के गेट संख्या 12 और 13 को खोलने से नदियों के जलस्तर बढ़ गए. सरयू के बढ़ते जलस्तर से ग्यासपुर, तिरबलुआ, बलुआ, खड़ौली, मैरिटार, पाण्डेयपार, योगियाडीह, गुठनी, गोहरुआ, श्रीकरपुर सहित दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं कई गांवों के निचले इलाकों में पानी घुसने की आशंका से लोगो में दहशत व्याप्त हो गया है. सरयू के बढ़े जलस्तर से निचले इलाकों में घुसता है पानी सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से जहा बाढ़ की स्थिति और भयावह होती जा रही है. वहीं बाढ़ के समय ग्यासपुर व तिरबलुआ गांव के कई घर बाढ़ की पानी में घिर जाते है. लोगो का कहना है कि कब पानी बढ़ जाए इसका कोई गारंटी नही है. वहीं बढ़ते जलस्तर से लोगो में काफी भय व्याप्त है. जल संसाधन विभाग की टीम ने किया बाढ़ प्रभावित जगहों का दौरा बाढ़ बिभाग के सीनियर अधिकारियों की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाक़ो का दौरा किया. जिसमें ग्यासपुर, तिरबलुआ, योगियाडीह, बलुआ, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर व गोहरुआ के बांधो को भी जगह जगह टीम ने जांच किया. इस टीम का नेतृत्व कार्यपालक अभियंता मदन चंद चौधरी ने किया. टीम ने ग्यासपुर व तिरबलुआ के समीप होने वाले कटाव को भी लेकर निरीक्षण किया. जिसमे एसडीओ अमजद अली, जेई शुभम कुमार सिंह शामिल थे. बोले कार्यपालक अभियंता हमारी टीम लगातार बाढ़ से प्रभावित जगहो का दौरा कर रही है. जहां कही भी कटाव की स्थिति हो रही है. वहां प्रशासन उसको रोकने का प्रयास कर रहा है. अभी हालत नियंत्रण में है. मदनचंद चौधरी, कार्यपालक अभियंता
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