प्रतिनिधि, महाराजगंज. छठ मनाने अपने गांव आये परदेसी अब मतदान में हिस्सेदारी निभायेंगे. परदेसी इस बार अपने मताधिकार का उपयोग कर लोकतंत्र को मजबूती देने का संकल्प लिए हुए हैं. जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी माहौल भी तेज हो गया है. खासकर छठ पूजा के दौरान घर आए परदेसियों व युवाओं ने यह तय किया है कि वे गांव में ही रहेंगे और वोट डालकर ही वापस अपने कार्यस्थलों की ओर लौटेंगे. प्रखंड के टेघढा गांव निवासी राजेश कुमार, जो दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, बताते हैं कि हर साल छठ पर घर आते हैं, लेकिन इस बार मतदान का मौका भी मिल गया है. हम तो यहीं सोच रहे हैं कि इस बार वोट डालकर ही दिल्ली जायेंगे. अकिल टोला के सोनू कुमार कहते हैं, हम लोग बाहर रहकर मेहनत करते हैं, लेकिन सरकार की योजनाएं गांव तक कैसे पहुंच रही हैं, इसका फैसला तो मतदान से ही होगा. इसलिए इस बार छठ पूजा के बाद गांव में ही रुक गए हैं. छठ पूजा की तरह मतदान भी हमारे जीवन का पर्व: चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक प्रवासी मतदाता मताधिकार का प्रयोग करें. महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. रिसौरा की संगीता देवी कहती हैं कि छठ पूजा की तरह मतदान भी हमारे जीवन का पर्व है. हम भगवान भास्कर से परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं, उसी तरह वोट देकर अपने राज्य के विकास की कामना करेंगे. प्रचार गाड़ियां और प्रत्याशियों की पद यात्राओं के बीच अब घर-घर मतदान की चर्चा हो रही है. बाहर से आए मतदाताओं में दिख रहा उत्साह : शहर के कई वार्ड में स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आए मतदाताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है. रामापाली निवासी वीरेंद्र यादव, रोहित कुमार, वीणा देवी तथा अंजनी कुमार ने बताया कि इस बार लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सेदारी निभा कर देश और सूबे के विकास के लिए अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे. प्रशासन भी इस उत्साह को देखते हुए विशेष अभियान चला रहा है. एसडीओ अनीता सिन्हा ने बताया कि छठ महापर्व के दौरान प्रवासी काफी संख्या गांवों में लौटते है. इसलिए प्रशासन द्वारा मतदान केंद्रों पर सुविधाएं बढ़ाने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए कई कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
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