21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

तीखी धूप व उमसभरी गर्मी से लोग परेशान

ग्रीष्मावकाश के बाद कक्षा एक से 12 वीं तक के स्कूल सोमवार से खुल गये है. स्कूली बच्चे अब भी तीखी धूप व उमसभरी गर्मी में स्कूल जाने को विवश हैं. स्कूल का खुलना छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 36 व न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा.

प्रतिनिधि, सीवान. ग्रीष्मावकाश के बाद कक्षा एक से 12 वीं तक के स्कूल सोमवार से खुल गये है. स्कूली बच्चे अब भी तीखी धूप व उमसभरी गर्मी में स्कूल जाने को विवश हैं. स्कूल का खुलना छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 36 व न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं आसमान में आंशिक बादल छाए रहे. आर्द्रता 65 फीसदी रहने से उमस ने परेशान किया. लोगों ने 44 डिग्री सेल्सियस तापमान की गर्मी महसूस किया. छात्र आशीष, सालोनी, मस्कान, मंटू आदि ने बताया कि स्कूल जाने व आने में गर्मी और चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बीमार पड़ने की चिंता सताती रहती है. स्कूल की छुट्टी हुई तो बच्चों के चेहरों से साफ झलक रहा था कि वे भीषण गर्मी से बेहाल है. धूप में बच्चों का स्कूल जाना व घर लौटना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था. कोई अपने हाथ में छाता लेकर धूप से बचने की कोशिश कर रहा था. वहीं कोई अपने स्कूल बैग को ही सिर पर रखकर तेज धूप से बचाव कर रहा था. कुछ छोटे बच्चे तो बार बार रुकते, छांव की तलाश करते और फिर धीरे धीरे आगे बढ़ते नजर आए. स्थानीय लोगों के अनुसार मंगलवार को अन्य दिनों की तुलना में गर्मी कुछ अधिक थी. बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित अभिभावक उमसभरी गर्मी को देखते हुए अपने बच्चों के सेहत को लेकर अभिभावक चिंतित है. अभिभावकों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर जून माह तक भीषण गर्मी पड़ती है. सरकार को चाहिए कि कुछ दिनों के लिए अवकाश घोषित कर दे. वहीं स्कूल बंद नही करने पर समय में बदलाव होना चाहिए. जिससे बच्चों को राहत मिल सके. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बहुत से बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए सार्वजनिक या निजी परिवहन की सुविधा नहीं मिलती हैअभिभावकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि विद्यालयों का समय बदला जाए और सुबह की शिफ्ट ही संचालन हो. चिकित्सकों ने मौसम को बताया प्रतिकूल चिकित्सकों ने इस मौसम को सेहत के लिए प्रतिकूल बताया है. डॉ संजय गिरि ने बताया कि छोटे बच्चे जब क्लास रूम में होते हैं तो बाल सुलभ स्थितियों के कारण लगातार पानी नहीं पीते है. जिससे गर्मी में पानी की कमी हो सकती है. साथ ही क्लास के पंखों की हवा भी संवेदनशील बच्चों को नुकसान पहुंचा सकती है. इसकी वजह यह है कि गर्मी में वातावरण में आर्द्रता कम होने से हवा में नमी बिल्कुल कम हो जाती है. जो संवेदनशील त्वचा को झुलसा देती है. इससे त्वचा में दाने भी आने लगते है. वहीं डिहाइड्रेशन की भी समस्या हो सकती है. बोले अधिकारी उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही स्कूल संचालन के समय में बदलाव हो सकता है. सभी विद्यालयों को निर्देश दे दिया गया है गर्मी को देखते हुए बच्चों पर विशेष ध्यान दें. गर्मी की वजह से किसी भी बच्चे की थोड़ी भी तबीयत खराब होती है तो सूचित करें. अवधेश कुमार, डीपीओ, एसएसए

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel