भगवानपुर हाट. मोंथा चक्रवात का असर बुधवार से पूरे क्षेत्र में दिखने लगा है. कभी हल्की बूंदाबांदी तो कभी झमाझम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. रबी फसल की तैयारी शुरू करने वाले किसान बारिश और खेतों में जमा पानी से परेशान हैं. इस वर्ष हथिया नक्षत्र में हुई भारी वर्षा से खेतों की ऊपरी सतह पहले से ही नम थी और निचले हिस्सों में दो से तीन फीट तक पानी जमा था. किसान मनोज कुमार ने बताया कि जिन खेतों में धान की फसल कट चुकी थी, वे अब पानी में डूब गयी हैं. गिरे हुए धान की बालियां सड़ने लगी हैं और नमी के कारण पुआल भीग जाने से उसे निकालना मुश्किल हो गया है. खेतों में कटाई कर रखे गए धान के बोझे भी भींग गए हैं. इससे पैदावार और गुणवत्ता दोनों पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है. कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर हाट के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि नवंबर महीना रबी फसलों की बुआई का समय होता है, लेकिन इस समय हो रही वर्षा से सरसों, अरहर, आलू, गोभी, मिर्च, पत्ता गोभी, साग और लहसुन जैसी फसलों की बुआई पर प्रतिकूल असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि किसानों को इस समय खेत में बुआई का कार्य रोक देना चाहिए. बारिश के बाद जब मौसम सामान्य हो, तभी दोबारा तैयारी शुरू करें. कृषि विभाग के अनुसार, लगातार बारिश और जल जमाव से धान की पैदावार में 25 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट संभव है. यदि अगले दो दिनों में मौसम सामान्य नहीं हुआ, तो नुकसान और बढ़ सकता है. जनजीवन और चुनाव प्रचार पर भी असर: लगातार हो रही बारिश से जनजीवन भी प्रभावित हुआ है. तापमान में अचानक गिरावट से ठंड का असर महसूस किया जा रहा है. वहीं, विधानसभा चुनाव मात्र छह दिन दूर हैं, ऐसे में बारिश ने राजनीतिक दलों के जनसंपर्क और प्रचार-प्रसार पर भी ब्रेक लगा दिया है.
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