गुठनी. प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रैल माह के चौथे सप्ताह में ही गर्मी से जिंदगी की रफ्तार धीमी पड़ गयी है. तेज धूप से लोग बाहर निकलने से बच रहे है.अस्पतालों में बीपी, सुगर, खासी, बुखार व दस्त के मरीज अत्यधिक बढ़े है व भीषण गर्मी के कारण बीमार बच्चों की भी संख्या बढ़ी है. पशुपालकों का हाल तो और भी बुरा है. 30 डिग्री से शुरू हुआ अप्रैल महीने का तापमान शनिवार की दोपहर में 41 डिग्री दर्ज किया गया. न्यूनतम तापमान भी 22 डिग्री से बढ़ कर 28 डिग्री तक पहुंच चुका है.भीषण गर्मी का नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों पर काफी प्रभाव पड़ा है. जिसके चलते दोपहर के समय सड़कों पर कम वाहन दिखाई दे रहे है. आम तौर पर व्यस्त रहने वाले गुठनी चौराहा, पटेल चौक, तेनुआ मोड़, जतौर बाजार की सड़कें सुनसान नजर आता है बेजुबानों पर भी गर्मी का सितम, दुग्ध उत्पादन घटा प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश नहीं होने और भीषण गर्मी का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी दिख रहा है.भीषण गर्मी में सूखे पड़े तालाबों व नहरों के चलते पशुओं और वन्य जीवों भी पानी के लाले है. प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश में पशु इधर उधर भटक रहे है. वहीं भीषण गर्मी के कारण पशुओं खासकर गाय और भैंसो के दुग्ध उत्पादन की क्षमता भी घटने लगी है. इससे पशु पालकों को तो घाटा हो ही रहा है, साथ ही लोगों को दूध मिलने में भी दिक्कत आ रही है. चौक चौराहों पर नहीं है पेयजल की व्यवस्था प्रखंड के मुख्य चौक-चौराहों पर पेयजल सहित अन्य सुविधाओं का घोर अभाव है. इससें राहगीरों व यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गुठनी चौराहे पर पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए आसपास के होटलों का सहारा लेना पड़ता है.. ग्रामीण अंगद पटेल, सुग्रीम पाण्डेय, प्रसिद्ध पाण्डेय, राजेश बरनवाल, सुडू मदेशिया आदि ने संबंधित विभाग से उक्त स्थानों पर पेयजल एवं सुलभ शौचालय की व्यवस्था कराने की मांग की है.
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