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Siwan News : बकाया टैक्स व झूठे शपथ पत्र के चलते महाराजगंज की मुख्य पार्षद पदमुक्त

महाराजगंज नगर पंचायत की राजनीति में गुरुवार को उस समय बड़ा उलट-फेर हो गया जब राज्य निर्वाचन आयोग ने मुख्य पार्षद शारदा देवी को पदमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया.

सीवान. जिले की महाराजगंज नगर पंचायत की राजनीति में गुरुवार को उस समय बड़ा उलट-फेर हो गया जब राज्य निर्वाचन आयोग ने मुख्य पार्षद शारदा देवी को पदमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया. यह कार्रवाई बकाया होल्डिंग टैक्स जमा नहीं करने और नामांकन के समय गलत शपथ पत्र दाखिल करने के आरोपों के आधार पर की गयी है. पूरा मामला काजी बाजार निवासी बलिराम प्रसाद की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग में दर्ज करायी गयी शिकायत के बाद शुरू हुआ. बलिराम ने आरोप लगाया था कि शारदा देवी ने नामांकन के दौरान अपनी संपत्तियों से संबंधित सही जानकारी नहीं दी थी और बकाया टैक्स की जानकारी को भी छिपाया था. शिकायत की जांच में निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की. जांच के क्रम में जिला प्रशासन ने अभिलेखों और दस्तावेजों का गहन सत्यापन किया. रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि शारदा देवी के नाम पर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड संख्या-2 में एक मकान तथा वार्ड संख्या-4 में तीन मकान-दुकान हैं. इनमें से सिर्फ एक का ही होल्डिंग टैक्स जमा किया गया था, जबकि बाकी संपत्तियों पर बकाया था. आयोग को सौंपी गयी रिपोर्ट के अनुसार, शारदा देवी ने 31 मई, 2022 तक वित्तीय वर्ष 2021-22 का पूरा टैक्स जमा नहीं किया था. इसके बावजूद उन्होंने नामांकन भरा और चुनाव में हिस्सा लिया. यह बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18(1)(के) का स्पष्ट उल्लंघन माना गया. आयोग ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए शारदा देवी को तत्काल प्रभाव से अयोग्य घोषित कर पदमुक्त कर दिया. निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शारदा देवी ने नामांकन पत्र के साथ जो शपथ पत्र संलग्न किया था, उसमें झूठी और अपूर्ण जानकारी दी गयी थी. उन्होंने अपनी संपत्ति, देनदारी और टैक्स से जुड़ी सूचनाएं छिपायीं, जो नियम और आचार संहिता का उल्लंघन है. इस आधार पर आयोग ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि शारदा देवी के खिलाफ अलग से कानूनी कार्रवाई शुरू की जाये. इस आदेश के बाद नगर पंचायत में भारी हलचल मच गयी है. स्थानीय लोग फैसले को लेकर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं. कुछ इसे न्यायोचित और पारदर्शिता की दिशा में कदम बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे राजनीतिक साजिश भी मान रहे हैं. शिकायतकर्ता बलिराम प्रसाद ने कहा कि उनका आरोप सही साबित हुआ. उन्होंने कहा कि अगर नियमों का पालन नहीं होगा तो आम जनता का विश्वास तंत्र से उठ जायेगा. वहीं, निवर्तमान मुख्य पार्षद शारदा देवी ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में चुनौती देंगी. फिलहाल नगर पंचायत में यह चर्चा जोरों पर है कि अगला मुख्य पार्षद कौन बनेगा और अब बागडोर किसके हाथ में जायेगी.

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