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इ-केवाइसी में छह मामले संदिग्ध मिलने पर शुरू हुई जांच

फर्जी राशनकार्ड के आधार पर सरकारी अनाज लेनेवाले की अब खैर नहीं.कार्ड धारकों के इ-केवाइसी कराने की अनिवार्यता के चलते ऐसे फर्जी कार्ड धारक परेशान हैं.इस बीच जिले में ऐसे छह मामले सामने आने आये हैं कि ये लोग इ केवाइसी के लिये ऑनलाइन पचास बार से अधिक प्रयास किये हैं.ऐसे में इन्हें संदिग्ध मानते हुए इसकी जांच शुरू कर दी गयी है.

संवाददाता,सीवान.फर्जी राशनकार्ड के आधार पर सरकारी अनाज लेनेवाले की अब खैर नहीं.कार्ड धारकों के इ-केवाइसी कराने की अनिवार्यता के चलते ऐसे फर्जी कार्ड धारक परेशान हैं.इस बीच जिले में ऐसे छह मामले सामने आने आये हैं कि ये लोग इ केवाइसी के लिये ऑनलाइन पचास बार से अधिक प्रयास किये हैं.ऐसे में इन्हें संदिग्ध मानते हुए इसकी जांच शुरू कर दी गयी है. अभी भी 25 प्रतिशत लाभार्थियों ने नहीं कराया इ केवाइसी राशन कार्डों के सत्यापन के लिए दिसंबर 2024 तक सभी के लिये इ केवाईसी अनिवार्य की गयी थी.हालांकि इसकी गति धीमी रहने पर अब मार्च 2025 तक ई केवाईसी कराने का निर्देश दिया गया है.जनवरी के अंत तक जिले के 26 लाख 83 हजार 922 लाभार्थियों में से 19 लाख 73 हजार 367 ने केवाईसी कराया है.अभी भी तकरीबन 25 प्रतिशत लाभार्थियों ने इ केवाइसी नहीं कराया है.विभाग का मानना है कि निर्धारित समय तक इ केवाइसी न करानेवाले लोग फर्जी हैं. दरौंदा सहित चार प्रखंडों के छह लाभार्थी जांच के घेरे में जिले में राशनकार्ड धारियों के इ-केवाइसी में फर्जीवाड़े की आशंका पर जांच के आदेश दिये गये हैं. इसको लेकर जिला आपूर्ति पदाधिकारी सीमा कुमारी ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया है. इनके द्वारा ऐसे मामलों में जांच शुरू कर दी गई है. सीवान सदर और महाराजगंज अनुमंडल क्षेत्र के चार प्रखंडों में ऐसे 6 मामले सामने आए हैं. जिसमें सीवान सदर, भगवानपुरहाट, गोरेयाकोठी और दरौंदा प्रखंड शामिल है. जांच के बाद सभी एमओ को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है ताकि रिपोर्ट से मुख्यालय को अवगत कराया जा सके. ऐसे मामले सामने आने के बाद संबंधित पीडीएस दुकानदारों से भी पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही राशनकार्ड धारी से भी संपर्क किया जा रहा है.बताया जाता है कि पटना में हुई समीक्षा के बाद यह बात सामने आई है कि सीवान सहित सूबे के 19 जिलों में एक राशनकार्ड धारी का ई-केवाईसी करने का प्रयास 50 से अधिक बार किया गया. इन मामलों को संदिग्ध पाते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने जांच के आदेश दिये हैं. इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.समीक्षा में सीवान, गोपालगंज सहित अन्य जिले में राशन कार्ड के इ-केवाईसी में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है. वर्तमान में इ-केवाइसी के ऐसे आंकड़ों ने विभाग के अधिकारियों को चौंकाया है. आशंका है कि इन राशन कार्डों पर दर्ज सदस्यों के नाम फर्जी तरीके से जोड़े गये, जिनकी केवाइसी के लिए 50-50 बार लॉग इन किया गया. प्रधान सचिव ने सभी डीएम को जांच का आदेश दिया है.इसमें उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों की जांच कर 10 दिन में रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी जाए, ताकि आगे की कार्रवाई हो सके.जिला आपूर्ति पदाधिकारी सीमा कुमारी ने बताया कि जांच को लेकर संबंधित प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. सभी से ऐसे मामले में रिपोर्ट की मांग की गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करते हुए मुख्यालय को सूचना दी जाएगी. 12 वर्ष तक के बच्चों का फेसियल इ-केवाइसी कराने की तैयारी इ केवाईसी की समीक्षा में विभाग ने पाया है कि कई अनुमंडल लाभार्थियों का केवाईसी करने में सुस्ती दिखा रहे हैं. प्रधान सचिव ने एक माह में सभी अनुमंडलों को शत प्रतिशत इ-केवाईसी का निर्देश दिया है.राशन कार्ड में 12 वर्ष तक के बच्चों का आधार कार्ड व अंगूठे का निशान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अब उनका फेसियल इ-केवाईसी कराने का निर्णय लिया गया है. फेसियल ई-केवाईसी से बच्चों के चेहरे से लाभार्थी की पहचान की जा सकेगी.समीक्षा में जब यह मामला उठा तो संबंधित एजेंसी ने बताया कि फेसियल इ केवाईसी की सुविधा के लिए केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत होगी.प्रधान सचिव ने अधिकारियों को केंद्र सरकार से सहयोग लेकर यह सुविधा बिहार में भी बहाल करने का निर्देश दिया है.

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